रंगरा चौक प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर स्थित श्रीदक्षिणेश्वरी काली मंदिर का इतिहास 204 वर्ष पुराना है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि सोनरा बहिवार में गांव के बच्चों ने खेल-खेल में पहले मिट्टी से मां काली की प्रतिमा बना दी। इसके बाद बच्चे एक पाठा पकड़ लाए और काली माता का जयकारा लगाते हुए उस पाठा के गर्दन पर कुरा चला दिया। देखते ही देखते उस पाठा की गर्दन कट गई पाठा की बलि चढ़ गई। यह देखते ही बच्चे घबरा गए और भागते हुए सभी अपने-अपने घर पहुंचे।
घर पहुंचते ही सबने अपने यहां उक्त घटना के बारे में बताया। तत्काल बुजुगों के कहने पर बच्चों ने मां काली की निर्मित मिट्टी की प्रतिमा को गंगा जल में विसर्जित कर दिया उसी रात बालमुकुंद पोदार के पिता भूसा पोदार को मां काली ने स्वप्न में दर्शन दिया और कहा कि मेरी प्रतिमा गंगा से निकालकर मंदिर में स्थापित करो और और पाठा की बलि चढ़ाओ तब ग्रामीणों की मदद से मंदिर का निर्माण किया गया और पाठा का बलि भी दिया जाता है!
24 अक्टूबर दीपावली की रात्रि में प्रतिमा स्थापित किया जाएगा 25 और 26 2 दिन तक भव्य मेले का भी आयोजन रखा गया है