-रंगरा से सुकटीया जाने वाली सड़क मार्ग कटाव के कगार पर
-एनएच 31 से चापर एवं शेरमारी जाने वाली सड़क मार्ग ध्वस्त
-डुमरिया से तिनटंगा जाने वाली सड़क वर 3 फीट बह रहा है पानी
चन्द्रशेखर सुमन, रंगरा
रंगरा प्रखंड में गंगा और कोसी दोनों नदीयों ने विगत चार दिनों से रौद्र रूप धारण कर लिया है।दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही अप्रत्याशित वृद्धि ने पिछले दो दशक के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है । बाढ़ की तबाही से लोगों के बीच त्राहिमाम की स्थिति पैदा हो गई। है । बाढ की विभिषिका झेेल रहे लोग अपना घर बार छोड़कर पूरे परिवार के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं ।बाढ पिडितों के सामने भोजन पानी आवास एवं पेयजल जैसी बुनियादी मूलभूत सुविधााओं की समस्या विकराल हो गई है। हालात यह है कि लोग अपने छोटे छोटे बाल बच्चों के साथ सड़क कििनारे खुले आसमान के नीचे जानवरों की जिंदगी जीने को विवश हैं।
-कलबलिया बांध टूटने से रंगरा एवं गोपालपुर दो दो प्रखंडों के आधे दर्जन पंचायतों की लगभग एक लाख आबादी को एन एच 31 सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग को जोड़ने वाली लाईफलाईन माने जाने वाली रंगरा सुकटीया सड़क मार्ग पर ध्वस्त होने के कगार पर
कलबलिया बांध टूटने से रंगरा एवं गोपालपुर दो दो प्रखंडों के आधे दर्जन पंचायतों की लगभग एक लाख आबादी को एन एच 31 सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग को जोड़ने वाली लाईफलाईन माने जाने वाली रंगरा सुकटीया सड़क मार्ग पर ध्वस्त होने के कगार पर है।इन दोनों प्रखंडों की लगभग आधे दर्जन पंचायतों की बडी आबादी प्रभााावि हुई है।लोगों का प्रखंड अनुमंडल एवं जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है।
रंगरा से सुकटीया जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी का अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। सड़क के ऊपर से लगभग 1 फीट पानी बह रहा है। सड़क पानी के दवाब के चलते कभी भी ध्वस्त हो सकती है। सड़क को बचाने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ साथ पथ निर्माण विभाग जुटा हुआ है। सड़क किनारे बोरी में मिट्टी भरकर सड़क को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ।
यह सड़क दोनों प्रखंडों की लाइफलाइन मानी जाती है। जिसे nh-31 एवं रेलवे मार्ग से जोड़ती है ।यह मुख्य मार्ग रंगरा प्रखंड के रंगरा ,मुरली एवं गोपालपुर प्रखंड के डुमरिया छपरघट ,गोपालपुर, मकन्ददपुुुर, सैदपुर, अभिया पंचगछिया आदि पंचायतों की बड़ी आबादी के आवागमन का एकमात्र साधन है ।
-डुमरीया से तिनटंगा दियारा जाने वाली सड़क भी ध्वस्त होने के कगार पर
एक एक कर बारी बारी से प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश मुख्य सड़कों के अलावे पुल पुलिया एवं बांध नदी की तेज धारा के सामने ताश के पत्ते की तरह धराशाई हो रहे हैं ।इससे जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारियों की पोल खुलती नजर आ रही है।
इन विभागों के बाबूओं द्वारा बाढ़ पूर्व फुल तैयारियों की किए जाने वाले सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं ।लोगों का मानना है कि अगर तीन-चार माह पूर्व ही सभी सडकों एवं बांधों का मरम्मत करवा दिया जाता तो लाखों लोग बाढ़ की तबाही से बच जाते। वहीं दूसरी ओर डुमरिया से तीन टंगा दियारा जाने वाली सड़क भी टूटने के कगार पर है।
इस सड़क पर भी 3 फीट पानी बह रहा है ।जबकि एनएच 31 के चापर चौक से चापर दियारा एवं शेरमारी जाने वाली सड़क मार्ग ध्वस्त हो चुकी है ।इससे भी दियारा क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रभावित हुई है ।दियारा क्षेत्र के लोगों का प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो चुका है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है ।इसके अलावे लोगों के बीच ना तो पॉलिथीन ना ही सूखा राशन एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा सकी है।
-कहते हैं रंगरा सीओ–
इस बाबत रंगरा अंचलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि प्रखंड के मदरौनी एवं कौशिकी पुर सहौरा 3 पंचायतों में सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ लोगों के आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है ।जल्द ही लोगों को पॉलीथिन शीट एवं सूखा राशन का वितरण किया जाएगा ।पेयजल के लिए पीएचडी विभाग को लिखा गया है।