- हरिनंदन बाबा ने दिया सत्संग प्रेमियों को दिया आशिर्वाद, कहा, यहां आ कर अच्छा महसूस कर रहा हूं
नवगछिया – नवगछिया पुलिस जिले के रंगरा चौक प्रखंड स्थित भवानीपुर टावर चौक के पास तीन दिवसीय अखिल भारतीय संतमत संत संग का 111 वां वार्षिक अधिवेश शुरू हो गया है. प्रथम दिन कुप्पा घाट के पूज्यपाद हरिनंदन बाबा ने अपने संक्षिप्त प्रवचन के माध्यम से सभी सतसंग प्रेमियों को आशिर्वाद देते हुए कहा कि वे यहां आ कर अच्छा महसूस कर रहे हैं. यहां के लोगों ने अच्छी व्यवास्था की है. पूज्यपाद का गला खराब होने की स्थिति में वे ज्यादा बोल नहीं सके. बाबा के प्रवचन और संध्या आरती के बाद पहले दिन कर आयोजन को विराम दिया गया. आज रविवार को वृहद पैमाने पर दीक्षा का कार्यक्रम होना है. इससे पूर्व अधिवेशन की शुरुआत स्वागत गान भजन स्तुति के साथ शुरू हुआ. सुबह पाली में स्वामी सजीवानंद,
ओमकारा नंद महाराज, राम नंदन शास्त्री, जय कुमार बाबा, नरेशआनंद महाराज स्वामी प्रमोद महाराज, डॉक्टर गुरु प्रसाद, सतनारायण ब्रहमचारी, गुरु सेवी भगीरथ महाराज ने प्रवचन दिया. स्वामी संजीतानंद महाराज ने कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग सत्संग है. यहीं से हमें सभी ज्ञान मिलता है. संसार में सत्संग के अलावा और कहीं ज्ञान की प्राप्ति नहीं होगी चाहे आप पूरे संसार घूम ले ज्ञान की प्राप्ति तो सत्संग से ही होगी. सभी मनुष्य को सत्संग करना चाहिए. परमात्मा से मिलाने का एक यही रास्ता है. ओंमकारानंद महाराज ने कहा कि परमात्मा सब जगह है परमात्मा को प्राप्ति करने के लिए सर्वप्रथम सत्संग जरूरी है. संसार दुख का सागर है सुख की प्राप्ति चाहिए तो सत्संग करना जरूरी है. तभी आपको सुख की प्राप्ति होगी अपने देश घर परिवार की बचाव करना पड़े तो हिंसा करना अनिवार्य है. रामनंदन शास्त्री ने कहा कि सत्संग करने वालों का परिवार कभी दुखी नहीं होता. उनका कारोबार खूब चलेगा जय कुमार बाबा ने कहा कि सत्संग में अमृत की वर्षा होती है. तपस्या से भी बढ़कर सत्संग है नरेश आनंद महाराज ने कहा कि परमात्मा का जीव के ऊपर कृपा होती है. तभी सत्संग सुनने का मौका मिलता है जो किसी से भी आशा नहीं रखता वह संत कहलाता है. मनुष्य के जब भाग्य का उदय होता है. तभी संत का दर्शन होता है झूठ चोरी हिंसा नशा से छुटकारा पाना है तो सत्संग करना होगा अरविन्द बाबा ने कहा कि जो आदमी सत्संग यज्ञ कर लेता है. उनसे सभी तरह के यज्ञ हो जाते हैं. बिन सत्संग नहीं कथा आत्मा को परमात्मा से मिलाने का रास्ता सत्संग ही है डॉक्टर गुरु प्रसाद ने कहा कि हम लोगों का बहुत पुण्य ही है जो हम लोगों को इतने संत का दर्शन हो रहा है.
स्वामी प्रमोद महाराज ने कहा कि मन को समझा लीजिए मन को सत्संग में लगा लेना चाहिए भाग्य से ही सत्संग मिलता है जो संत के शरण में रहते हैं. उनका उद्धार हो जाता है. गुरुसेवी महाराज ने कहा कि सत्संग करने से तत्काल लाभ मिलता है पूरा मन सत्संग रुप में बह जाता है. संत के संग करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं सत्संग प्रेरणा प्रदान करता है. इसलिए सभी को सत्संग करना चाहिए.-अध्यक्ष संतोष कुमार कनोडिया ने बाहर से आए हुए सत्संग प्रेमियों से आग्रह किया कि वे भोजन, पानी, शौचालय का सही उपयोग करें. इधर उधर गंदगी ना फैलाएं. मालूम हो कि सत्संग प्रेमियों से पूरा पंडाल भर चुका है. दिन भर राष्ट्रीय राजमार्ग पर टावर चौक से लेकर मकंदपुर चौक तक रह रह कर जाम की स्थिति बनती रही. जबकि उक्त आयोजन में संपूर्ण प्रदेश से अलग अलग जिलों से लोग पहुंचे हैं.