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भागलपुर जिले में लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण खेतों, गंगा नदी और मैदानों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। इस जलजमाव के चलते सांप अपने बिलों से निकलकर घरों और अन्य इमारतों में घुस रहे हैं। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी गर्ल्स हॉस्टल में ऐसी ही एक घटना ने सबको चौंका दिया, जब वहां से एक साथ 42 रसेल वायपर सांपों को रेस्क्यू किया गया।

वन विभाग की रेस्क्यू टीम के सदस्य अभय कुमार सिन्हा ने बताया कि इन सभी सांपों को गर्ल्स हॉस्टल के एक टंकी से पकड़ा गया। रसेल वायपर सांपों की यह प्रजाति अंडे नहीं देती, बल्कि सीधे बच्चों को जन्म देती है, और यहां पर एक साथ इतने सांपों का पाया जाना इस बात का संकेत है कि ये सभी बच्चे हाल ही में जन्मे थे। सभी सांपों को बाद में जमुई के जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।

सांपों के निकलने की घटनाओं में हाल के दिनों में काफी वृद्धि हुई है, खासकर नगर निगम क्षेत्र के गंगा तट पर बसे मोहल्लों में। गंगा नदी में बढ़ते पानी के कारण सांप शहर की मुख्य नालियों और घरों के पाइप से होते हुए अंदर घुस रहे हैं, जिससे लोगों में खौफ का माहौल बन गया है। रेस्क्यू टीम ने लोगों से अपील की है कि वे सांपों को मारने की बजाय वन विभाग को सूचित करें ताकि उन्हें सुरक्षित तरीके से पकड़ा जा सके।

रेस्क्यू टीम के अनुसार, मॉनसून सीजन के दौरान जून, जुलाई और अगस्त के पहले सप्ताह तक 160 सांपों का रेस्क्यू किया गया है। इनमें एशिया के सबसे विषैले सांप रसेल वायपर के अलावा, कोबरा और करैत जैसे खतरनाक सांप भी शामिल हैं।

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में इतनी बड़ी संख्या में सांपों के मिलने से छात्राओं के बीच डर और दहशत का माहौल बना हुआ है।

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