नवगछिया के खगड़ा में हो रहा नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ एवं रामकथा महायज्ञ
नवगछिया : स्वामी आगमानंद महराज ने कहा कि रावण प्रत्येक मानव के शरीर में है इसे मारने के लिए ज्ञान की जरूरत है. खगड़ा में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और रामकथा महायज्ञ के दूसरे दिन सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने यज्ञ कुंड की परिक्रमा की. वहां स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा की. बच्चों ने मेले का आनंद लिया.शाम के समय कथा मंच से परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज ने रामकथा शुरू की. उन्होंने वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥
श्लोक के साथ कथा की प्रारंभ की. इसके अलावा श्रद्धाविश्वासरूपिणौ और ·वन्दे बोधमयं नित्यं गुरुं शंकररूपिणम् आदि की व्याख्या की. रावण जन्म के प्रसंग को सुनाए. इसके साथ उन्होंने सभी को संदेश देते हुए कहा कि रावण प्रत्येक मानव के शरीर में भी विद्यमान है, इसे मारने के लिए हथियार की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ज्ञान, आध्यात्म, तप, ईश्वर भक्ति से उसे पराजित किया जा सकता है. स्वामी आगमानंद ने राम जन्म के कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि- जय और विजय को ब्राह्मण सनकादि से मिला शाप, वृंदा द्वारा भगवान विष्णु को दिया गया शाप,
भगवान विष्णु को नारद मुनि द्वारा दिया गया शाप, राजा मनु और शतरुपा को प्राप्त भगवान विष्णु का वरदान और राजा प्रतापभनु को ब्राह्मणों द्वारा दिया गया शाप आदि कई कारण हैं, जिसके बाद भगवान विष्णु को राम के रूप में अवतार लेना पड़ा. उन्होंने सीता जन्म के प्रसंगों की भी चर्चा की. कथा के दौरान गायक माधवानंद ठाकुर, बलवीर सिंह बघ्घा आदि ने कई भजन गाए.इस आयोजन में कुंदन बाबा, मनोरंजन भारती, ज्योतिन्द्रनाथ चौधरी, शिव प्रेमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद के अलावा श्री शिवशक्ति योगपीठ से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ता आयोजन में लगे हैं. खगड़ा के ग्रामीण इस आयोजन को सफल बनाने में लगे हुए हैं.