भागलपुर/ निभाष मोदी
अस्पताल में ना तो डॉक्टर थे ना ही अटेंडेंट,अस्पताल में मचा हड़कंप ,सभी रोगी एक-एक कर अस्पताल छोड़कर भागने लगे
भागलपुर, एक तरफ जहां तपस्वी नर्सिंग होम में मरीजों के परिजनों द्वारा हंगामा का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि दूसरी तरफ के के नर्सिंग होम में फिर एक घटना सामने आई, गौरतलब हो कि मधुसुदनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नरेश यादव का 45 वर्षीय पुत्र भोला प्रसाद यादव जो आर्मी से रिटायर होकर वर्तमान में मधेपुरा के एसबीआई में बतौर गार्ड के पद पर कार्यरत थे उन्हें चार-पांच दिनों से सांस लेने में कुछ परेशानी हो रही थी तो वह तकरीबन 3 दिन पहले केके नर्सिंग होम में अपना बेहतर इलाज कराने के लिए पहुंचे उन्हें आईसीयू में भर्ती कर लिया गया आज अचानक वह आईसीयू के वार्ड में ही बाथरूम जाने के क्रम में लड़खड़ा कर गिर गए और 15 से 20 मिनट में उनकी मौत हो गई, इसको लेकर मृतक भोला प्रसाद यादव के परिजनों ने काफी हो हंगामा खड़ा कर दिया जब रिसेप्शन में रिसेप्शनिस्ट से पूछा गया कि डॉक्टर कहां है तो उनका कहना हुआ डॉक्टर आलोक जो इस अस्पताल के मरीज को देखते हैं वह अभी कोलकाता गए हुए हैं आए दिन वह कोलकाता व अन्य जगह कॉल पर मरीज को देखने जाया करते हैं उनके नहीं रहने पर डॉक्टर मनीष रोगियों को देखते हैं और सीसीटीवी के सहारे डॉक्टर आलोक मरीजों को देखकर उनकी दवा चलाते हैं लेकिन अब सवाल यह उठता है कि केके नर्सिंग होम में अगर कोई डॉक्टर नहीं है तो किसके भरोसे मरीज यहां आए और इलाज कराएं।
वहीं मृतक परिजनों का कहना है अस्पताल की लापरवाही से मेरे बेटे की जान चली गई इसका जिम्मेदार कौन होगा वहीं परिजनों ने अस्पताल को बंद कर ताला लगाने की बात कहते दिखे साथ ही साथ परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा भी किया परिजनों को शांत कराने के लिए नजदीकी आदमपुर थाना की पूरी टीम लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने की कोशिश की। वहीं आदमपुर थानाध्यक्ष सच्चाई का पता करने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। परिजनों के हंगामा को देखते हुए घटनास्थल पर आदमपुर थाना, विश्वविद्यालय थाना, बरारी थाना,कोतवाली थाना,ततारपुर थाना और सीआईटी की टीम पहुंची।
आर्मी जवान की मौत के बाद भागलपुर के केके नर्सिंग होम में अफरा-तफरी का माहौल हो गया एक तरफ से चीख-पुकार मचने लगी अस्पताल में सभी रोगी के परिजनों का कहना था अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है सभी रोगी एक-एक कर वहां से अपने रोगियों को लेकर निकलने लगे।
जब रोगी अपने पेशेंट को लेकर डिस्चार्ज कराने के लिए वहां के अस्पताल कर्मियों को ढूंढ रहे थे तो एक भी अस्पताल कर्मी वहां नहीं दिखे सभी नौ दो ग्यारह हो गए इससे यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इसमें पूर्णरूपेण अस्पताल की लापरवाही है।
अस्पताल प्रबंधक की ओर से अस्पताल के मैनेजर कुमार रवि ने कहा अस्पताल की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है हम लोगों ने आईसीयू में भागलपुर में सबसे अच्छी व्यवस्था रखी है और यह कैसे नर्सिंग होम काफी पुराना नर्सिंग होम है आज तक कोई भी घटना नहीं हुई है यह एक संयोग है।