5
(1)

24 अक्टूबर को होगी प्रतिमा स्थापित व 25 अक्टूबर को होगा विसर्जन

250 वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास

मां वामकाली का वैदिक विधि से होता है पूजन

बिहपुर – बिहपुर में स्थित मां वामकाली का यह दरवार सिद्ध शक्तिपीठ व शक्तिस्थल के नाम से विख्यात हैं .श्री श्री 108 मां वामकाली महारानी मंदिर का इतिहास करीब 250 वर्ष पुराना है ।मां वामकाली पुजा महासमिति के अध्यक्षा सह मुखिया अरुणा देवी, बिहपुर ठाकुरवाडी के महंथ नवल किशोर दास एवं पूजा महासमिति के प्रधानमंत्री गौरव शर्मा व मंदिर के प्रधान पुजारी हेमंत कुमार शर्मा बताते हैं कि मां के दरवार में सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना देर सबेर जरूर पूरी होती हैं .

मां के दरवार के प्रति जनआस्था साल दर साल बढ़ती ही जा रही हैं.वहीं पंडित श्री शर्मा ने बताया की यहां 22 फीट ऊंची मां वामकाली की प्रतिमा विराजती हैं.मां की प्रतिमा 24 अक्टूबर को शाम चार बजे अपराह्न पिंडी पर स्थापित किया जायेगा और पांच बजे मां की महाआरती होगी. यहां मां की पूजा वैदिक एवं तांत्रिक विधि विधान से होता हैं.मां की प्रतिमा विसर्जन 25 अक्टूबर को थाना घाट सरोवर में किया जायेगा.

वहीं पूजा महासमिति के सदस्य डॉक्टर राजकिशोर मेहता ,अशोक गोस्वामी ,नंदलाल मंडल , नरायण शर्मा , पुर्नेन्दु वर्मा , सुरेश मंडल, प्रदीप सिंह, मिंटू शर्मा बताते हैं कि यहां की मां वामकाली काफी शक्तिशाली हैं.मैया के दरवार सच्चे मन से जो झोली फैलाकर मन्नत मांगते हैं , मैया उसकी मुराद अवश्य पूरी करते हैं.भक्तो की मुराद पूरी होने पर पाठे की बलि दी जाती हैं .मंदिर परिसर में मेला का लगता हैं.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: