भागलपुर में अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा फिर से मंडराने लगा है। सबौर के मसाढू गाँव के ग्रामीण अपने घरों को तोड़कर ईंट निकाल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बहुत मुश्किल से एक-एक ईंट जोड़कर अपने घर बनाए थे, लेकिन आज वे अपने ही हाथों से इन्हें तोड़ रहे हैं। अब तक उन्हें कोई मदद के लिए नहीं आया है।
गाँव के लोग पूरी रात जागकर अपने छोटे-छोटे बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर साल गंगा का रौद्र रूप इसी तरह उनके गांव को तबाह कर देता है। बाढ़ के पूर्व अधिकारी केवल दौरा कर जाते हैं, और जब गाँव गंगा की चपेट में आ जाता है, तब आकर आश्वासन देते हैं। अब सवाल यह है कि क्या हर साल इसी तरह मसाढू के ग्रामीणों का आशियाना गंगा में डूबता रहेगा, या जिला प्रशासन इस गांव को बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?