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यह कहानी फिल्म पीपली लाइव पर आधारित कहानी से कम नहीं

भागलपुर,साहब अभी मैं जिंदा हूं ! यह कहकर प्रखंड एवं आरटीपीएस काउंटर के चक्कर लग रहे रंगरा गांव के वार्ड नंबर 9 के दिलीप मंडल सरकारी कार्यालय में ही रोने लगते हैं.

कहानी आपको फिल्मी लगेगी यह बात पूर्व में बॉलीवुड में दिखाएं फिल्म पीपली लाइव पर आधारित है जिसमें की फिल्म में दिखाया जाता है कि नत्था को अपनी जीवित होने की प्रमाण देना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला रंगरा प्रखंड क्षेत्र के रंगरा गांव के वार्ड नंबर 9 में दिलीप मंडल नामक व्यक्ति के साथ हुआ है बता दें कि दिलीप मंडल की उम्र करीब 60 वर्ष है. लगातार 1 महीने से वह रंगरा प्रखंड कार्यालय में चक्कर लगा रहा है ताकि वह अपने आप को जीवित साबित कर सके . दिलीप मंडल ने रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाया उन्होंने कहा कि सब मुझे जिंदा करवा दीजिए ऐसा पूछने पर कि क्या हुआ है तो उन्होंने बताया कि आधार कार्ड में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है. जब मैंने आधार कार्ड बनवाने दिया था तो आधार कार्ड मेरे नाम से ना बनकर मेरे पिताजी के नाम से बनकर आ गया है जो कि उनकी मृत्यु 15 वर्ष पूर्व हो चुकी है जिस समय आधार कार्ड बनता भी नहीं था उस समय के डाटा को लेकर मेरे पिताजी के नाम से आधार कार्ड बन कर आ गया है आधार कार्ड में मेरे पिताजी का नाम और फोटो है लेकिन मेरे नाम से आधार कार्ड नहीं बना है और सरकारी आंकड़ों में मुझे मृत घोषित कर दिया गया है.

हालांकि मेरे नाम से वोटर आईडी कार्ड एवं राशन कार्ड है इस बात को जब मैं अंचल के कर्मियों को बताता हूं तो वह मेरे ऊपर हंसते हैं और कल आने की बात कह कर करीब 1 महीने से चक्कर लगा रहा हूं.

इसको लेकर जब मीडिया ने रंगरा प्रखंड क्षेत्र के आधार सेंटर पर इसकी जानकारी लेनी चाहती हो उन्होंने बताया कि टेक्निकल इशू है जिसमें की दिलीप मंडल नाम का व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया है यह गलती कहां हुई और किस हुई यह हमें नहीं मालूम.

वही रंगरा प्रखंड क्षेत्र की बीडीओ से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि अभी नई-नई जॉइनिंग हुई है हमारी और इसके बारे में जानकारी नहीं हालांकि आधार केंद्र एवं अन्य जगहों से इसके बारे में पूछताछ कर रहे हैं और इसकी जानकारी ले रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ दिलीप मंडल जोकि आधार कार्ड में मृत घोषित हो चुके हैं उन्होंने रोते हुए कहा कि साहब मुझे जिंदा करवा दीजिए आधार कार्ड ना होने के कारण मुझे कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है ना तो किसी सरकारी कार्य में में ही भाग ले पा रहा हूं वही परिवारिक केस मुकदमे में भी मुझे मृत घोषित कर दूसरे पक्ष लाभ उठा रहे हैं.

वही रंगरा प्रखंड कार्यालय में जब इसकी जानकारी ली गई तो सबों ने एक दूसरे के ऊपर इसकी गलती को बताया और रांची जाने की बात कह दी उन्होंने बताया कि रांची जाकर इसका सुधार करवा सकते हैं जहां की आधार सेंटर का मुख्य कार्यालय है.

इस बात को सुनते ही दिलीप मंडल जो कि करीब 60 साल के हैं वह बताते हैं कि रांची जाना मेरे लिए बहुत मुश्किल साबित होगा मैं गरीब हूं और मुझे अपने क्षेत्र में ही इसकी सुधार करवा दें।

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