बिहपुर : सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के बैनर तले रविवार को बिहपुर स्थित बहुजन चेतना केंद्र में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य चौतरफा लूट, हकमारी और सरकारों के झूठ के खिलाफ आवाज उठाना और हक-हिस्सा तथा विकास के एजेंडे पर एकजुटता के साथ संघर्ष को आगे बढ़ाना था।
सम्मेलन से पहले एक संवाद यात्रा आयोजित की गई, जिसमें आम लोगों की समस्याओं और उनके सवालों को प्रमुखता से उठाया गया। इस दौरान गौतम कुमार प्रीतम ने बहुजन समाज की स्थिति पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, “बहुजन समाज आज भी भयावह गरीबी और कर्ज की मार झेल रहा है। बेरोजगारी चरम पर है, और बहुजनों में बहुतों के पास वास भूमि नहीं है। विकास और कल्याणकारी योजनाओं में भारी लूट की जा रही है। किसानों और बुनकरों की हालत बदहाल है। महंगाई, शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली ने मेहनतकशों के जीवन को और कठिन बना दिया है।”
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि बहुजनों को बिहार के बदलाव और विकास के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। “बहुजन ही नया बिहार बना सकते हैं,” उन्होंने कहा।
वहीं, विनय कुमार सिंह और अर्जुन शर्मा ने बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा एससी, एसटी और ईबीसी-बीसी के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 65% करने के फैसले की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने इस 65% आरक्षण को रद्द कर दिया है और नरेंद्र मोदी सरकार इस आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने से भाग रही है।
सम्मेलन में जिला परिषद मोइन राईन, राजद जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, पृथ्वी शर्मा, राजेश पंडित, मंजूला देवी, ज्योति देवी, श्यामनंदन सिंह, नसीब रविदास, अशोक अंबेडकर, रघुनंदन ठाकुर, सुधीरचंद्र शास्त्री, मो. आकिब, अनुपम आशीष, निर्भय कुमार और अन्य कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। सम्मेलन में सैकड़ों लोग उपस्थित हुए और सामाजिक न्याय की दिशा में इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।