भागलपुर बिहार सर्वोदय मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और गांधी निधि के सचिव विनोद रंजन की श्रंद्धाजलि सभा भागलपुर के गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र में भागलपुर ज़िला सर्वोदय मंडल, परिधि, जनप्रिय, लोकसमिति, सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन मंच, गंगा मुक्ति आंदोलन, समन्वय समिति, दलित विकास समिति आदि संगठनों द्वारा आयोजित किया गया। श्रंद्धाजलि सभा की अध्यक्षता डॉ योगेंद्र ने की ।
दिवंगत विनोद रंजन को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि विनोद रंजन ताउम्र सामाजिक जीवन को जीया। वे समाज में गांधी विचार को फैलाने के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ लड़ते रहे। वे गंगा मुक्ति आंदोलन के शुरुआती समय से सक्रिय भूमिका में रहे। इस अवसर पर डॉ विजय कुमार ने उन्हें याद करते हुए कहा कि छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के दौर में जब परिवर्तनकारी साथियों के खाने, ठहरने का कोई इंतजार नहीं होता था तब विनोद जी डमरू बजाकर सबके खाने का इंतजाम करते थे। यह अद्भुत लगन और समर्पण को दर्शाता है।
गाँधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर के प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि अगर हम लोगों को पटना में कोई कार्यक्रम करना होता तो विनोद जी ही हमारे मार्गदर्शक होते।
उदय ने संचालन करते हुए बताया कि विनोद रंजन पटना के रहने वाले गाँधी और जयप्रकाश के रास्ते पर चलने वाले साथी थे। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनकी बीमारी की ठीक-ठीक पहचान नहीं हो पा रही थी। इसी दौरान बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाया गया जहां 9 दिसंबर को उनका निधन हो गया। विनोद रंजन जी का संपर्क देश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं से था। पटना के किसी भी बड़े सामाजिक आयोजनों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण और योजक कड़ी की होती। हमें उनके कार्यकर्त्ता बनने की कहानी को लिखनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले सकें। गौतम कुमार ने बताया कि वे सामाजिक बदलाव के प्रखर समर्थक थे। उन्होंने युवावस्थ से ही अंतरजातीय विवाह, महिला पुरुष समता, सामाजिक न्याय आदि के लिए आवाज उठाई। भागलपुर के साथ भी उनका गहरा सम्बन्ध रहा। गंगा मुक्ति आंदोलन, जगदीशपुर शराब बंदी आंदोलन, झुग्गी झोपड़ी संघर्ष समिति जैसे आंदोलनों में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए भागलपुर भी उनकी कर्मभूमि रही है। अध्यक्षता करते हुए डॉ योगेंद्र ने कहा कि हमने उन्हें जैसा युवा अवस्था में हँसता मुस्कुराता देखा था वैसा ही अबतक देखता रहा। बड़ी पहुँच रखने के बावजूद अति साधारण जिंदगी जीने को अपना आदर्श बनाया। कार्यक्रम में उदय, डॉ मनोज, प्रकाश चंद्र गुप्ता, वासुदेव भाई, डॉ विजय कुमार, डॉ सुनील अग्रवाल, अनीता शर्मा, गौतम कुमार, अर्जुन शर्मा, एनुल होदा, संजय कुमार, रामपूजन, कुमार संतोष , मिंटू कलाकार, डॉ उमेश प्रसाद नीरज, मो समीम, सुभाष प्रसाद, वीणा सिन्हा, संजय सुमन आदि मौजूद थे।