5
(1)

संत मुक्त के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण : ज्ञान स्वरूप तपस्वी

नवगछिया मुक्तनगर ढोलबज्जा में संत मुक्त स्वरूप देव साहब के 110वें जन्मोत्सव पर आयोजित पांच दिवसीय विश्व कल्याण चेतना लोक कल्याण तपस्वी संत शक्ति आदर्श आचार संहिता संज्ञान महासम्मेलन का पांचवें दिन समापन हो गया। ज्ञात हो कि सद्गुरु संत मुक्त स्वरूप देव के परम शिष्य संत योगेश ज्ञान स्वरूप तपस्वी की अगुवाई में विगत पांच दिनों से जारी था। अपने प्रवचन के क्रम में उन्होंने कहा कि संत हमेशा परोपकार के लिए होते हैं। इनको सांसारिक जीवन से ताल्लुक नहीें होता है, यह तो मानव जीवन को संस्कारित करते हैं। दूसरों की भलाई के लिए जुटा रहना ही इनका काम होता है। ज्ञान के दीपक से यह सभी को चमकाते हैं। संत समाज को सम्यक बोध देते हैं और मानव जीवन को संस्कारित करते हैं। वह मानव को मुक्ति मार्ग पर ले जाते हैं। समाज को धर्म- संस्कारों से सींचते हैं। संत मुक्त के शरण में जाने से ही मानव जीवन का कल्याण होता है। संतों की कृपा और अनुकंपा हासिल करने वाले का जीवन शांति और सुख से भरा रहता है। संतों की शरण में आया व्यक्ति नास्तिक से आस्तिक बनता है।
कबीर मठ फतुहा पटना के संरक्षक आचार्य ब्रजेश मुनि जी महाराज ने कहा कि आज के समय काल में संत समागम बड़े ही पुणसे मिलता है। संत समाज के परम आदेश होते हैं, संतो के उपदेशों से शांति और आनंद की धारा प्रवाहित होती रहती है। जो समाज संतों का आदर सम्मान करता है। वह उत्थान की ओर अग्रसर होता है। संत समागम का प्रभाव सीधा आत्मा पर पड़ता है।


नेपाल कबीर मठ से आये संत उमा दास ने कहा कि आज लोग अध्यात्म से विमुख हो रहे हैं। यह मानव जीवन के लिए यथोचित नहीं है। लोग सत्संग में आने से कतराते हैं। संतों की संगति से दूर भागते हैं। ऐसे भटके हुए लोगों को परमात्मा कभी नहीं मिल सकते हैं और न ही उन्हें शांति की प्राप्ति हो सकेगी।
पटना मठ से आयी राज रानी व्यास ने अपनी भजन स्तुती व प्रार्थना गाकर सभी सत्संगी प्रेमियों को भाव विभोर कर दिया। इससे आसपास का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।
हरिद्वार, प्रयागराज सहित बिहार के कई मठों से आये संत जितेंद्र दास, साध्वी सुधा, संत त्रिलोक दास, बालकिशोर गोस्वामी, महंत गिरजानंद, महंत सुमन दास, योगेंद्र दास, संत अमरदीप गोस्वामी व अन्य संतों ने ईश्वर के स्वरूप के बारे में चर्चा एवं विश्लेषण किया। संतों ने कहा कि सत्संग के बिना जीवन अधूरा है। जिस प्रकार दूध में घी मिला है, लेकिन दिखता नहीं है। इसी प्रकार संत-महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार का उदाहरण देकर जैसे सब्जी में नमक है, लेकिन दिखता नहीं है। आपके आसपास जहां कहीं भी सत्संग हो, संतों का समागम हो उसमें जरूर सहभागिता लेनी चाहिए। इससे मनुष्य के जीवन में काफी परिवर्तन आता है।
सत्संग को सफल बनाने में ढोलबज्जा थानाध्यक्ष प्रभात कुमार, पूर्व मुखिया राजकुमार उर्फ मुन्ना मंडल, सरपंच सुशांत कुमार, जिप नंदनी सरकार, जदयू नेता प्रशांत भवेश कुमार कन्हैया, विकाश भारती, अचल कुमार, संजीत, वकील मंडल सहित कई कार्यकर्ता लगे हुए थे।
सत्संग में ओम साईं डायग्नोस्टिक सेंटर ढोलबज्जा के संचालक राजा बाबू के तरफ से लोगों के लिए निःशुल्क जांच शिविर की व्यवस्था की गई थी। शिविर में बीपी, ब्लड, सुगर, कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड सहित कई प्रकार की जांच की गई।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: