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नवगछिया प्रखंड के गोनरचक में आयोजित संतमत सत्संग के दो दिवसीय कार्यक्रम ने भक्ति, सेवा और श्रद्धा की नई मिसाल पेश की। दूसरे दिन पूज्यपाद गुरुसेवी स्वामी भगीरथ दास जी महाराज ने सत्संग की महिमा को और भी बढ़ाया। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए, और पूरा वातावरण गुरुकृपा और संतवाणी से ओतप्रोत था।

पहले दिन की संध्या के बाद, जब तेज आंधी और बारिश ने आयोजन स्थल को प्रभावित किया, तो सत्संग पंडाल का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, सत्संग के सभी श्रद्धालु बिना रुके सेवा में जुट गए। कुछ ने तिरपाल समेटा, कुछ ने सफाई की, और कुछ ने आवश्यक वस्तुओं की सुरक्षा की। यह घटना भक्ति की सच्ची परिभाषा को उजागर करती है, जो केवल सुख में नहीं, बल्कि संकट में खिलती है।

गांववाले विशेष रूप से नया टोला खगड़ा, नया टोला बोरवा, और गोनरचक के लोगों ने आपदाओं के बावजूद पंडाल को फिर से व्यवस्थित किया और सबके लिए प्रसाद की व्यवस्था की। आयोजन समिति के सदस्य डॉ. विकास कुमार, नीरज कुमार, छठू मंडल, प्रमोद मंडल, अरुण मंडल, और रामरूप मंडल ने कहा कि यह सब उनके सामूहिक सहयोग से ही संभव हो पाया।

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