कहलगांव (भागलपुर)।
अनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय कहलगांव के तत्वावधान में प्रभारी न्यायाधीश सह अध्यक्ष तस्नीम कौशर के निर्देशन में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय कहलगांव में संविधान दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए प्रभारी न्यायाधीश सह अध्यक्ष मो तस्नीम कौसर एवं मुंसिफ सह सचिव श्रीमती नीलम कुमारी के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। जिसे सभी उपस्थित अधिवक्ताओं एवं न्यायिक कर्मचारियों के द्वारा दोहराया गया। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि हमारे संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। इसके निर्माण में संविधान सभा के मसौदा समिति के अध्यक्ष बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की महती भूमिका रही थी। आज ही के दिन वर्ष 1949 को इसे अधिनियमित किया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। मुंसिफ श्रीमती नीलम कुमारी के द्वारा बताया गया कि देश का संविधान ही देश के सभी कानूनों का प्रमुख श्रोत है और जब कभी विधि के.
नियमों और उप नियमों के कार्यान्वयन में कोई बाधा आती है तो हम संविधान के आलेखों का सहारा लेते हैं. नालसा कार्य योजना के आलोक में हर वर्ष इसे दिन को विधि दिवस के रूप मे मनाया जाता है। बाबा साहब को भी याद किया जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित न्यायिक पदाधिकारियों के अलावे बार के अध्यक्ष देवेन्द्र पांडे, महासचिव कृष्ण देव सिंह, शंकर साह, शत्रुघ्न शर्मा, वीरेंद्र चौधरी, विनय श्रीवास्तव, शंकर रविदास, भावेश सिंह के अलावा प्राधिकार के मनीष पांडे, नाजिर अरविंद कुमार, ओम प्रकाश खा, वरीय सहायक चंदन नाथ चौधरी, प्रवीन रजक, ओम शरण, रंजीत कुमार, अखिलेश कुमार, फिरोज रजा, आविकाश सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। विदित हो कि अनुमंडल विधिक सेवा समिति कहलगांव के द्वारा लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नालसा कार्य योजना के आलोक में इस प्रकार के कार्यक्रम अक्सर आयोजित किया जाता है। मंच का संचालन प्राधिकार के मनीष पाण्डेय कर रहे थे।