


बिहार में बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार एक तरफ जहां विभिन्न योजना चला रही है तो दूसरी तरफ धरातल पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिसका तस्वीर बिहार के भागलपुर से सामने आया है…!
भागलपुर के कहलगांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय एकडारा मैं बच्चों को मूलभूत सुविधा नहीं मिल रहा है। बच्चों का आरोप है कि मध्यान भोजन के तहत मिलने वाले खाना अच्छा नहीं लगता है। स्कूल में चापाकल लगाए गए हैं। लेकिन उसमें आर्सेनिक युक्त पानी निकलता है। जिससे गंभीर बीमारी का खतरा होने की संभावना होता है। लेकिन स्कूल प्रशासन की ओर से इस पर किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गई। प्रधानाचार्य का कहना है जिला स्तर पर मीटिंग मैं कई बार मुद्दे को उठाया गया। लेकिन अब तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया जिससे बच्चों को मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है….!

खराब मध्यान भोजन देने का आरोप लगाकर सैकड़ों बच्चों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद आनन-फानन में प्रधानाचार्य के द्वारा बच्चों को पीटना शुरू कर दिया। बच्चों का आरोप था कि स्कूल में सही तरीके से पढ़ाई नहीं होती है मध्यान भोजन नहीं दिया जाता है शुद्ध पानी पीने के लिए उपलब्ध नहीं है। मीडिया के सामने अपने बातों को रखने पर शिक्षक मना करते हैं। आर्सेनिक पानी पीने से कई बच्चों को कैंसर भी हुआ है। लेकिन स्कूल प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिक्षक से सवाल करने पर डांट दिया जाता है। मारपीट किया जाता है सच्चाई को छुपाया जाता है…

अगर स्कूल में ऐसी ही व्यवस्था रहा तो कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मासूम की जान खतरे में है एक तरफ जहां कहा जाता है कि जल ही जीवन है तो दूसरी तरफ एकडारा पंचायत के यह स्कूल में बच्चे जल नहीं बल्कि जहर पी रहा है। जरूरत है शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेने की…..
