भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के निस्फ अम्बे पंचायत के एक सरकारी स्कूल का एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों को ईंटें ढोते और छत के खतरनाक छज्जे की सफाई करते देखा जा सकता है। यह वीडियो मध्य विद्यालय गनौरा बाधरपुर का बताया जा रहा है। हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि कात्यायन भारत न्यूज द्वारा नहीं की गई है।
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) राजकुमार शर्मा ने मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया है। नाथनगर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने भी वायरल वीडियो की जांच करने की बात कही है। वीडियो में दिखाया गया है कि अगर बच्चों से ईंटें ढुलवाई जा रही हैं और वे खतरनाक छज्जे की सफाई कर रहे हैं, तो यह एक गंभीर मुद्दा है। यदि कोई अनहोनी हो जाती है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?
वहीं, कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक बच्चों को मामूली गलतियों पर कठोर सजा देते हैं। यहां तक कि सरेआम बच्चों से उठक-बैठक भी करवाई जाती है, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध है। वीडियो में प्रधानाध्यापक खुद बच्चों को ईंटें देते हुए दिख रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि शिक्षक बच्चों को ऐसे खतरनाक काम करने से रोकने की जहमत क्यों नहीं उठाते?
इस पूरे प्रकरण ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा बच्चों के साथ भेदभाव और शारीरिक दंड को रोकने के आदेशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते 6 सितंबर, 2024 को राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी दिलीप कुमार ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को बच्चों को शारीरिक दंड न देने की हिदायत दी थी, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।