भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर, राज्य सरकार एक ओर जहां प्रदेश में सुशासन का दावा करती है,वहीं दूसरी ओर इसी सत्ताधारी सरकार के विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहें है। दरअसल ऐसा ही एक मामला भागलपुर के गोरहडीह प्रखण्ड से सामने आया है जहां, एक परिवार को अपने ही पुत्र के मुवाबजे के लिए सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
बता दें की एक वर्ष पूर्व बाईपास रोड स्तिथ बिरला स्कूल के समीप मोटरसाइकिल और स्कॉर्पियो की टक्कर में मोटरसाइकिल सवार युवककी मौके पर ही मौत हो गई सोनू पासवान की मौत हो गई थी। इसी कड़ी अपने पुत्र की मौत मुवाबजे के लिए पिता उमेश पासवान को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। पीड़ित उमेश पासवान ने बताया की उनके घर का एक मात्र सहारा पुत्र था जिसके निधन के बाद उनलोगो की आर्थिक स्थिती दयनीय हो गई है।
उमेश पासवान ने कहा की वे लोग विगत छह महीने से दफ़्तर के चक्कर लगा रहें लेकिन उनकी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है।वही मृतक सोनू पासवान के पिता उमेश पासवान और मां शकुना देवी ने मुवाबजा को लेकर नाजिर अनंत कुमार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की नाजिर के तरफ से उन्हें पैसे के लिए डिमांड किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यही सुशासन के सरकार में कार्यालय की गतिविधि है अगर यह गतिविधि रहेगी कैसे गरीबों को न्याय मिल पाएगा।