बिहार में 20 हजार लोगों की रोज कोरोना संक्रमण की जांच का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। बुधवार यानी 29 जुलाई को राज्य में 20 हजार 801 लोगों की जांच की गई है। इसकी संख्या और बढ़ाने की करवाई स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण की जांच की संख्या और इसका दायरा बढ़ाने का निरंतर निर्देश देते रहें है। इसी क्रम में उन्होंने शीघ्र ही 20 हजार प्रतिदिन जांच करने का लक्ष्य विभाग को दिया था।
कोरोना संक्रमण का जांच का दायरा राजधानी पटना, मेडिकल कालेजों और जिला मुख्यालयों से शुरू होकर अब प्रखंड स्तर तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने शुरुआत में सभी जिलों में जांच व्यवस्था सुनिश्चित कराई। फिर जांच सुविधा को अनुमंडल अस्पतालों तक ले जाया गया। इसके बाद इसे प्रखंड तक ले जाया गया है। राज्य के सभी 534 प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोरोना संक्रमण जांच की सुविधा उपलब्ध है। सभी
केंद्रों पर एंटीजन किट्स पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करा दिए गए हैं। इधर, पटना के 25 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एंटीजन किट से जांच की जा रही है। जो भी व्यक्ति कोरोना संक्रमण के लक्षण महसूस कर रहे हैं, वे इन केंद्रों पर जाकर अपनी जांच निशुल्क करा सकते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही जांच की रिपोर्ट भी लोगों को दी जा रही है।
इधर, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण और बाढ़ की स्थिति पर 24 घंटे पूरी नजर रखी जा रही है। साथ ही सभी आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है। ताकि लोगों तक तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।
चिकित्सकीय परामर्श के लिए सभी जिलों में टोल फ्री नंबर जारी होंगे
राज्य के सभी जिलों में चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति इस टॉल फ्री नंबर पर फोन कर चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे। मरीज को परामर्श देने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी। दो दिनों के अंदर जिलों में इस व्यवस्था का कार्यान्वयन शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित किए जाने की यह एक और पहल है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टॉल फ्री नंबर पर परामर्श देने के लिए 24 घंटे चिकित्सक तैनात रहेंगे। जरूरत हुई तो संबंधित व्यक्ति के पास एंबुलेंस भी भेजे जाएंगे और उन्हें अस्पताल तक भेजने की कार्रवाई की जाएगी। ताकि उनका समय पर बेहतर इलाज शुरू किया जा सके।