भागलपुर: फ्रेंड्स ऑफ तिलकामांझी सामाजिक मित्र मंडली भागलपुर द्वारा स्थानीय तिलकामांझी स्थित कार्यालय में क्रांतिकारी उधम सिंह के 84वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्ष इंदुभूषण झा की अध्यक्षता में संपन्न हुए इस समारोह का शुभारंभ प्रधान संरक्षक जगतराम साह कर्णपुरी ने क्रांतिकारी उधम सिंह के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर किया। उपस्थित सदस्यों ने चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उधम सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
मौके पर जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि आजादी हमें 1947 में मिली, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम में जांबाजों की आहुति बहुत पहले से जारी थी। अंग्रेज हुकूमत से क्रांतिकारियों का संघर्ष जारी था, और उधम सिंह का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। मुख्य अतिथि ने श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था और उन्होंने लंदन जाकर भारतीयों की हत्या का बदला चुकाया।
इंदुभूषण झा ने कहा कि उधम सिंह ने अंग्रेज अधिकारी माइकल ओ’डायर की नृशंसता का बदला लेने के लिए लंदन जाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। यह वही डायर था जिसने 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में निर्दोष स्त्री-पुरुषों पर गोलियां बरसाने का आदेश दिया था।
बलिदान दिवस पर रजनीश सिंह, राज कुमार झा, राणा पोद्दार, चंदन झा, अमित प्रताप सिंह, सुमन भारती, अमित कुमार सरस्वती, दीपक कुमार सरस्वती, अजय वर्मा समेत अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखे और उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।