भागलपुर,शादी के बाद दूल्हे के साथ नई नवेली दुल्हन को अक्सर आपने ससुराल जाते चमचमाती लग्जरी कार से देखा होगा, लेकिन बिहार के भागलपुर जिले में दूल्हे दुल्हन को डेढ़ किलोमीटर दूर पैदल चल कर चचरी पुल पार करना पड़ता है। दूल्हे को अपनी दुल्हन को घर ले जाने के लिए नदी पार करने के लिए चचरी पुल का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला भगलपुर मुख्यालय से सटे करीब एक किलोमीटर दूर नाथनगर प्रखंड के शंकपुर पंचायत का है। गांव के निवासी सत्तो महतो की।पुत्री की शादी गुरुवार की रात हुई ,बारात मनिहारी से आया था और बाराती अपनी गाड़ी महादेव सिंह कॉलेज के समीप इमामबाड़ा के मैदान में खड़ी करके गांव करीब डेढ़ किलोमीटर दूर पैदल होकर पहुंचे और शादी की रस्म अदा की ,उसके बाद शुक्रवार की सुबह में दूल्हे अपनी दुल्हन के साथ चचरी पुल पैदल पार कर वापस घर लौटे।
शंकपुर गांव जहाँ करीब 40 वर्षों से गांव विकास से कोसो दूर है। गांव में पक्का पुल नही होने से दियारा इलाके के ग्रामीणों को कई जटील परेशानी से सामना करना पड़ता है। एक तरफ बाढ़ की समस्या तो दूसरी तरफ पुल नही होने से ग्रामीण इलाके के किसान उभर नही पाते है यहां तक कि गांव में कोई भी अपना रिश्ता जोड़ने से कतराते है।लोगों ने बताया कि चुनाव के समय पुल का मुद्दा बनाकर एमपी एमएल के प्रत्याशी आते है और पुल बनवाने का भरोसा दिलाकर अपने पक्ष में मत के लिए उत्साहित करते है। जब प्रत्याशी जीत सरताज पहने के बाद इन मुसीबत में पड़े किसानों को देखने तक नही आते है।जिसका नतीजा है कि आज इस गांव के लोग पुल नही होने का डँस झेल रहे है और चंदा करके चचरी का पुल निर्माण कराया है जिससे गांव के लड़के लड़कियों की शादी हो सके।
गांव में पक्का पुल नही होने से रिश्ते जोड़ने से कतराते है लोग,अबतक दर्जनो से अधिक टूट चुकी है शादी
गांव जाने के लिए नदी पार करने के लिए पक्के का पुल नही होने से ग्रामीणों को काफी हो रही है समस्या।
जमुनिया नदी के दूसरी तरफ करीब आधा दर्जन गांव है। जिसमें दारापुर ,बालूटोला,चवनियां, शंकरपुर, बिनटोला और दिलदारपुर शामिल है। पूरे गांवों को मिलाकर कुल आबादी लगभग 5 हजार से 6 हजार की है, जिसमें मतदाताओं की संख्या करीब 3 हजार है। भागलपुर शहर से महज 1 एक किमी की दूरी पर स्थित ये गांव पुल नहीं होने से मुख्य धारा से कटा हुआ है। वही गांव के मुखिया अशोक मंड़ल ने बताया कि गांव से भगलपुर मुख्यालय महज एक किलोमीटर की दूरी पर लेकिन आजतक गांव में पुल निर्माण नही कराया गया है । आलम है कि आज इस गांव में कोई भी शादी नही करना चाहता है । पुल नही रहने से मुखिया की बेटी के भी रिश्ता दो दिन पहले टूट गया। साथ ही मुखिया अशोक मंडल ने बताया कि करीब 50 से 60 लड़के लड़कियों की शादी टूट गया है। जो भी शादी करने आते है एक ही बात कहते है कि आपके गांव में गाड़ी जाने के लिए रास्ते ही नही है जिसको लेकर शादी करने से परहेज करते है। जिसके कारण केदार मंडल, सजंय मंड़ल, मुखिया अशोक मंडल, महेश मंडल, सियाराम मंडल, काली मंडल ,भोला मंडल समेत कई किसानों की बेटे बेटियां की शादी गांव के पुल नही होने के कारण टूट गई है।
पुल नही होने से पास के मंदिरों में शादी की रस्म अदा की जाती है
ग्रामीण सुनील महतो में बताया कि गांव में पुल नही होने से बारात घर तक नही पहुंच पाती है जिसको लेकर शहरी इलाके में ही दूल्हे की गाड़ी और बराती गाड़ी रखने को लेकर शादी से इनकार करने लगते है । किसी तरह से आये लड़के वालों को हमलोग मनाकर मन्दिरों में शादी की रस्म अदा करते है अबतक एक दर्जन से ज्यादा लड़कीं की शादी मन्दिरों में हो चुकी है।
पुल की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार एमपी एमएलए से लगा चुके है गुहार
वही ग्रामीणो ने बताया कि पुल की मांग को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से मिलकर गुहार लगा चुके है लेकिन अबतक किसी जनप्रतिनिधियों ने किसानों की समस्या को नही सुना और म ही दर्द को समझने आये।ऐसे में अब हमलोग हर साल गांव में ही चन्दा इकट्ठा करके लाखों रुपए खर्च करके का पुल का निर्माण कराते है और अब उम्मीदें टूट चुकी है।
नाथनगर के विधायक अली असरफ सिद्दीकी ने कहा कि महादेव सिंह कॉलेज के समीप जमुनिया नदी पर पुल जल्द हो इसके लिए हम लगे हुए है।