नवगछिया प्रदेश में हो रही हल्ला बोल को देखते हुए जदयू जिलाध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार भारती ने कहा शराबबंदी कानून एवं अवैध शराब से मृत्यु के मामले में भाजपा द्वारा उठाया गया मामला जनता के विश्वास के साथ धोखा है। जैसा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी अप्रैल 2016 से लागू किया गया उससे पहले महिलाओं द्वारा शराबबंदी की मांग की गई। जिसमें 2015 में भी इसकी ट्रायल ली गई थी और 16 में पूर्णता इसे बंद कर दिया गया। और तब से आज तक जिस प्रकार से बिहार की विकास हुई है वह प्रशंसा योग्य है। बिहार में शराबबंदी लागू के समय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नीतीश कुमार की तारीफ किए थे
माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा चाहे शराबबंदी हो, दहेज प्रथा हो, पुनर्विवाह हो, या सात निश्चय हो, या जल जीवन हरियाली योजना हो पूरे देश में सबसे सफल योजना साबित हुए है।
और इससे प्रदेशवासियों को जमीनी स्तर पर लाभ मिला, इससे बिहार की विकास में चार चांद लग गई ।शराबबंदी बिहार की सबसे सफल योजना रही लेकिन कुछ अपवाद व्यक्ति के कारण इस योजना को विफल करने का प्रयास किया गया है। एवं जनजागृति नहीं होने के कारण शराब की कालाबाजारी हुई जबकि बिहार सरकार द्वारा कई दंड अधिनियम कानून धाराएं बनाई गई है। कई गुप्त सूचना एवं प्रोत्साहन जैसी विकल्प भी रखी गई है लेकिन लोग इसके लिए जागरूक नहीं हो रहे हैं। और इसकी कालाबाजारी हो रही है इससे कई लोगों की जान जा रही है इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार नहीं है, आम जनता की भी जिम्मेदारी है। भाजपा द्वारा बिहार सरकार को शराबबंदी गलत बताना एक दुर्भाग्य है , जबकि शराबबंदी भाजपा के समकक्ष ही लागू की गई थी। और यह काफी सफल भी रहा शराब से या जहरीली शराब से मरने वाले की संख्या बिहार के अलावा भाजपा शासित प्रदेश में भी काफी दिखा जबकि 2013 से 2021 तक बीजेपी शासित गुजरात में 105 लोग कर्नाटक में 1222 लोग यूपी में 678 लोग एमपी में 1799 लोग मारे गए है।लेकिन इस पर भाजपा किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की ना ही किसी भी व्यक्ति को मुआवजा मिला अगर बिहार सरकार मुआवजा देती है। तो लोगों का और शराबियों का मनो – पोली बढ़ जाएगी वह शराब पिएंगे और यह कानून सफल नहीं हो पाएगी जबकि जदयू के प्रदेश महासचिव डॉ दीपक कुमार साह ने बताया शराब पीने से आम लोगों की आत्मीयता के साथ-साथ शरीर के मुख्य हिस्सा जैसे लिवर, किडनी खराब हो जा रही है। और उसकी मानसिक चेतना भी अवरुद्ध हो जाती है इससे कई प्रकार की गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है और अपनी मानसिकता खो देने से गलत अपराध करता हैं।
जबकि भाजपा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए तरह-तरह की पेत्रा अपना रहे हैं देश में बढ़ती बेरोजगारी युवाओं का दम बाहर निकाल रहा है , बढ़ती महंगाई गरीब असहाय वर्ग के लिए अभी अभी श्राप बन गया है ।इस पर भाजपा कभी कुछ नहीं कहती है और देश की स्थिति पहले से ज्यादा बत्तर होती जा रही है। और भाजपा नेता जाति धर्म जैसे मुद्दे उठाकर अपनी बातों को दबाना चाहते हैं देश की आर्थिक व्यवस्था को देखा जाए तो भाजपा आने से भारत की इकोनॉमी रेट पहले से काफी लुढ़क रही रही है। भाजपा हमेशा अति पिछड़ा अल्पसंख्यक दलित महादलित का विरोधी रहा है और वह चाहती है शराब लागू कर उन्हें मदिरापान करा कर दवाएं रखें और उनका विकास को होने ना दें जबकि हमारे नेता नीतीश कुमार ऐसा होने नहीं देंगे।