नवगछिया : शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में समीक्षा भवन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी और शहरी क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया। जिलाधिकारी ने प्रधानाध्यापकों से शिक्षकों को पुरानी प्रतिष्ठा वापस लाने के लिए चिंतन-मनन करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कहा कि जब तक हम अपने विद्यालय के बच्चों को अपना नहीं समझेंगे, तब तक शिक्षण व्यवस्था में सुधार नहीं होगा। बच्चों को गीली मिट्टी की तरह मानकर उन्हें सही आकार देने की आवश्यकता है। शिक्षकों को बच्चों को सही शिक्षा देकर उनका सम्मान वापस पाने की दिशा में काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालय में पढ़ना गर्व की बात होनी चाहिए, जैसा कि पहले हुआ करता था। आज विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कोई कमी नहीं है, न ही शिक्षक कम हैं। विज्ञान का शिक्षक भौतिकी, रसायन और गणित तीनों विषय पढ़ा सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि निजी विद्यालयों के शिक्षकों की तुलना में सरकारी शिक्षक अधिक वेतन पाते हैं, फिर भी उतना काम नहीं करते। उन्होंने भागलपुर की शिक्षा व्यवस्था को ऊँचाईयों तक पहुँचाने का संकल्प लिया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सभी विद्यालयों में एक मॉडल टाइम टेबल होगा और शिक्षकों को प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे पढ़ाना अनिवार्य होगा। प्रयोगशाला और स्मार्ट क्लास के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। खेल सामग्री बच्चों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी और प्रार्थना सत्र आयोजित होंगे। पुस्तकालय की पुस्तकें बच्चों को वितरित की जाएंगी, और विद्यालय के शौचालयों में टाइल्स और चापाकल में मोटर लगाई जाएगी। कमरों की कमी को भी दूर किया जाएगा।