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नवगछिया- राज्य सरकार के निजी विद्यालयों को लेकर उदासीन रवैये पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन नवगछिया के अध्यक्ष विश्वास झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने सरकार से पूछा कि निजी विद्यालयों को पुनः संचालित करने में देर क्यों है? बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है? क्या शिक्षकों को रोजगार के लिए पलायन कराने का उद्देश्य है? एसोसिएशन का कहना है कि राज्य सरकार की आखिर मंशा क्या है? क्यों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? कोरोना महामारी क्या केवल विद्यालयों में भी फैलता है?

कोरोना की आड़ में सभी निजी विद्यालय राज्य सरकार के इस उदासीन रवैये को देखते हुए अब निजी विद्यालय संचालक शिक्षक, शिक्षिकाएं आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। यदि 6 फरवरी 2022 के पहले विद्यालयों को संचालित करने हेतु आदेश पारित नहीं किया गया तो अब आंदोलन होगा। जब डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना को लेकर विद्यालयों को बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है। जब महाराष्ट्र जैसे राज्य, जहां ओमिक्राॅन का संक्रमण सबसे ज्यादा है, वहां जब राज्य सरकार के द्वारा विद्यालय खोल दिए गए पर बिहार में सिनेमा हॉल एवं मॉल खुलेंगे पर स्कूल नहीं खुल सकते, ऐसा क्यों?आखिर शिक्षा जगत से शौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

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