बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के राज्यस्तरीय पदाधिकारी जितेन्द्र पासवान ने सोमवार को कई विद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद बताया कि विद्यालयो में छात्रों की उपस्थिति काफी गंभीर समस्या है. शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक इसके लिए पहल करें. अगर समय रहते विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति में सुधार नहीं हुआ तो दोनों के ऊपर कडी कार्रवाई की जायेगी. जाएगी. नवगछिया प्रखंड के कई विद्यालयों का औंचक निरीक्षण करने के बाद वे शिक्षकों से उपरोक्त बातें कह रहे थे. शिक्षकों से उन्होंने साफ साफ कहा कि सरकार द्वारा सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने के बावजूद विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं रहना और इसके लिये तरह तरह के बहाना बनाना उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि शत-प्रतिशत नामांकन के साथ शत प्रतिशत उपस्थिति के साथ छात्रों को पठन-पाठन एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराना .परन्तु निरीक्षण के दौरान मात्र 30 से 40% छात्रों की उपस्थिति अलग-अलग विद्यालयों में मिली. यह काफी चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि फूलचंद मध्य विद्यालय, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय तेतरी, रामधारी इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय एवं रामधारी मध्य विद्यालय का निरीक्षण किया.उन्होंने बताया कि अभिलेखों का संधारण पिछले वर्ष एवं इस वर्ष के अभिलेखों का भी अवलोकन किया .
शौचालय एवं मध्याह्न भोजन की स्थिति पर भी उन्होंने चिंता जाहिर किया. साफ-सफाई से लेकर के अन्य व्यवस्था में अगर सुधार नहीं होगा तो जिला स्तर पर बैठक कर रिपोर्ट किया जाएगा. उसके बाद राज्य स्तरीय बैठक में अपर मुख्य सचिव को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी.उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते विद्यालय की व्यवस्था में प्रधानाध्यापक व शिक्षक मिलकर सुधार कर लें. उन्होंने बताया कि रामधारी मध्य विद्यालय में ₹19600 के आसपास खर्च की गयी राशि को रिकवर किया जाएगा. क्योंकि खर्च करने का तरीका ठीक नहीं था.
उन्होंने कहा कि कुछ कुछ अभिलेखों की जांच किया गया तथा कुछ अभिलेखों की जांच बारीकी से की जायेगी.तब इसमें से कुछ गडबडी पकड़ में आ पाएगी. पिछले वर्ष पोशाक एवं छात्रवृत्ति के साथ-साथ अन्य राशि डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया.लेकिन छात्रों की उपस्थिति 75% की अनिवार्यता का पालन किसी विद्यालय में नहीं किया गया.जो कि जांच का विषय है . इस मौके पर अन्य अधिकारी व जितेंद्र कुमार पांडे वगैरह की मौजूदगी देखी गई.