समुद्र मंथन की झांकी देख विभोर हुए श्रद्धालु
महारूद्र यज्ञ समिति के ग्यारहवें दिन कथा के साथ भव्य झांकी की हुई प्रस्तुति
नवगछिया- बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी नवगछिया में आयोजित महारूद्र यज्ञ समिति के ग्यारहवें दिन शिव महापुराण की कथा महंत सिया वल्लभ शरण महाराज जी श्री ने, श्री राम कथा का वाचन करते हुए बैधनाथ धाम के संत महेंद्र शास्त्री ने राम विवाह कथा तो मत्स्य महापुराण की कथा का वाचन करते हुए विद्या वाचस्पति डॉ० श्रवण जी शास्त्री ने क्रमशः कथा को कहते हुए बताया कि देवासुर संग्राम में बारह बार युद्ध हुए।
ईश्वर की कृपा ऐसी है कि समय आने पर, महादेव, राम, कृष्ण, सहित विभिन्न अवतार देवताओं के होते रहे। वहीं यज्ञ समिति के अध्यक्ष सह जदयू जिलाध्यक्ष त्रिपुरारी कुमार भारती ने कहा कि 15 जुलाई को अंतिम महापुराण कथा का वाचन होगा। 16 जुलाई को प्रातः अभिषेक और दोपहर में पूर्ण आहूति तथा विसर्जन होना तय है। मौके पर अभिषेक के मुख्य यजमान अविनाश मिश्रा सपत्नीक तृप्ति मिश्रा,
शिव महापुराण के मुख्य यजमान मिलन सागर तथा मत्स्य महापुराण के मुख्य यजमान विश्वास झा सपत्नीक शिखा कुमारी, सचिव प्रवीण भगत, मंच व्यवस्था प्रमुख अजीत कुमार, कृष्ण भगत, चंदन सिंह, शंकर जायसवाल, विभूति भूषण आदि लगे रहे। वहीं आध्यात्मिक झांकी के परिदृश्य में आनंद झा, रूपेश भारद्वाज, सत्यम, सुंदरम, शांतनु, कली, शिवम, छोटू, आदित्य, शिवम, राहुल, तनु, रूही तथा केशव आदि कलाकारों ने समुद्र मंथन को प्रस्तुत किया। वहीं दिन के अभिषेक में पवन चिरानियां एवं रात्रि में शांतनु सिंह सपत्नीक विजेता सिंह, विनायक, श्रृष्टि सहित परिवारजनों के साथ शामिल हुए।