नवगछिया शुक्रवार को श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया में उस समय लघु भारत का स्वरूप दिख पड़ा जिस समय भारत के विभिन्न प्रांतों में दो दर्जन से ज्यादा लोग साइकिल में यहां पहुंचे। भारत भ्रमण पर निकले इन युवक-युवतियों का स्वागत स्वयं यहां के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने किया। यात्रा में शामिल लोगों ने अपनी-अपनी भाषा में लोगों को संबोधित किया। स्वामी आगमानंद जी ने सभी को अंग वस्त्र दिए। भोजन कराया। साथ ही आगे यात्रा के लिए धनराशि भी दी। दो अक्टूबर से निकले इस यात्रा का समापन 25 अक्टूबर को होगा। यह यात्रा राष्ट्रीय एकता, शांति एवं सद्भावना के लिए निकाला गया है। इसके माध्यम से भाई जी का संदेश भी लोगों को दिया जा रहा है। भाई जी की संस्था ने गीतकार राजकुमार, कुंदन बाबा आदि को प्रशस्ति पत्र व माला देकर सम्मानित किया।
तिरंगा लेकर धावक जी यहां यात्रा की अगुवाई कर रहे थे। यात्रा प्रस्थान होने के बाद यहां नवरात्र, पितृ पक्ष, गया श्राद्ध पर भी चर्चा हुई।
दिवंगत रिंटू दिदी को भी इस कार्यक्रम के दौरान श्रद्धांजलि दी गई। स्वामी आगमानंद जी ने कहा कि प्रत्येक माह नवरात्र होता है। लेकिन चार नवरात्र को विशेष माना गया है। इसमें से आश्विन नवरात्र काफी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा के नवरात्र के दौरान शरीर की क्षमता के अनुसार ही व्रत करें। अपने हिंदू सनातन धर्म में शास्त्र में जो भी बातें लिखी गई है उस बात को अमल करने पर योग्यता प्राप्त होता है। जीवन जीने में किसी प्रकार भी कठिनाई नहीं होती। इस कारण सनातन संस्कृति में जो भी बातें हैं उसका पालन जरुर करें, तब मनुष्य को कभी कष्ट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान गृहस्थ लोग अपने सारे काम करते हुए मां दुर्गा की आराधना करें। उन्होंने कहा कि कभी भी विकृत एवं तामसी भोजन नहीं करें। आयुर्वेद का पालन करें। इस दौरान गीतकार राजकुमार, प्रो ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, सुबोध दा, पंडित कौशलेंद्र, मनोरंजन प्रसाद सिंह, शिव प्रेमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद जी, शिव शंकर ठाकुर, मृत्यंजय कुंवर, दिलीप शास्त्री, पंडित चंद्रकांत झा आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में बलबीर सिंह बग्घा, कपीश जी, अशोक महाराज जी ने भजन गाए। कार्यक्रम में श्रीशिवशक्ति योगपीठ के कार्यकर्ताओं ने दिन भर भंडारा का आयोजन किया था। काफी संख्य में लोग वहां पहुंचे। सभी ने स्वामी आगमानंद जी से आशीर्वाद लिए। इस दौरान राम बालक भाई, श्वेत कमल, कुंदन, सौरभ सोनू आदि वहां मौजूद थे।