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प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में वार्षिकोत्सव लश्कारा 23 का आयोजन शुरू। दो दिनों तक (17-18 मार्च ) चलने वाले इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अलग-अलग सोसाइटी के महत्वपूर्ण कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए रखे गए हैं। इसमें अलग-अलग महाविद्यालयों के छात्र बढ़ -चढ़कर हिस्सा लेंगे। इस तरह के आयोजनों से छात्रों में एक दूसरे की परंपरा, मूल्यों और उनकी विरासत को समझने में मदद मिलती है। अपनी परंपरा और अपने अतीत से परिचित होने में सहायक भूमिका अदा करती है। यही नहीं इस तरह के आयोजनों से सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि की साझी समझ विकसित होती है।इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदी विभाग ने भी ‘आशुभाषण प्रतियोगिता’ और ‘साहित्यिक प्रश्नोत्तरी’ प्रतियोगिता का आयोजन रखा है। इस तरह का कार्यक्रम विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि और उनके कौशल समृद्धि को बढ़ाने में मदद करती है। छात्रों को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जसविंदर सिंह ने कहा कि हमारे गुरुद्वारे हमारे विद्यार्थियों के भीतर सेवा का भाव बढ़ाते हैं। उन्हें एक दूसरे की सेवा कैसे करनी चाहिए उसकी समझ को विकसित करते हैं। उन्होंने इस तरह के आयोजनों से एक दूसरे में संचार कौशल में वृद्धि होगा और एक दूसरे के सामाजिक मूल्य को समझने में आसानी होगी । छात्रों को पढ़ने के अतिरिक्त इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। इस तरह के कार्यक्रमों से उनके भीतर एक दूसरे के मूल्यों और परंपरा में आवाजाही करने और सीखने की समझ बढ़ती है। पंजाबी लोक इसका मजबूत उदाहरण है जिसका सामाजिक और सांस्कृतिक पक्ष हमारे अतीत और वर्तमान से हमें परिचित कराते हैं। जिससे यह पता चलता है की हमारा अतीत कितना उज्ज्वल है और पंजाबियत के जरिये यह उदाहरण भारत सहित पूरे विश्व में फैल रहा है।यह बना रहना चाहिए।इस तरह के आयोजन का यही उद्देश्य है।
उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी ।यह कार्यक्रम लश्करा की प्रमुख प्रो. इंदरदीप कौर और उपप्राचार्य सुरेंदर कौर वालिया की देख रेख में संपन्न हो रहा है।

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