भागलपुर/ निभाष मोदी
बिहार के सबसे बड़े उन्नीस सौ करोड़ रुपए के सृजन घोटाले में फरार चल रहे अमित और रजनी प्रिया की संपत्ति पर कोर्ट ने चिपकाया इश्तेहार
सलाखों के पीछे कई बैंक अफसर से लेकर किरानी तक को किया गया है गिरफ्तार
भागलपुर,बिहार का सबसे बड़ा उन्नीस सौ करोड़ का सृजन घोटाले में अभी तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें सलाखों के पीछे कई बैंक अफसर से लेकर किरानी तक बंद है, बहुचर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई अपना शिकंजा लगातार कसता जा रहा है, सृजन घोटाले की किंगपिन स्वर्गीय मनोरमा देवी के निधन के बाद उनके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर कोर्ट से जारी की गई इश्तेहार को चिपका दिया गया है ,गौरतलब हो कि 22 दिसंबर गुरुवार को अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेश होना था लेकिन कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में उनके तीन मकानों पर नोटिस चिपका दीया।
सृजन घोटाले में उन्नीस सौ करोड़ रुपए के बंदरबांट करने वालों पर सीबीआई कस रही है नकेल
सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को श्रृजल घोटाले की जांच शुरू की थी जिसमें अभी तक दर्जनों बैंक के अधिकारी से लेकर कलर्क व किरानी अभी भी सलाखों के पीछे हैं, बता दें कि सृजन के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ था, इस घोटाले में तकरीबन 1900 करोड़ रुपये का घोटाले की बात सामने आई थी ,इस सृजन एनजीओ के तहत बहुत बड़ा घोटाला किया गया था, विकास के नाम पर भेजे गए पैसे को एनजीओ के अकाउंट में पहुंचाया गया था साथ ही हम यह कह सकते हैं कि सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल किया गया था सृजन के पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बनाए गए थे। अब सीबीआई सबों पर नकेल कस रही है।
अमित कुमार और रजनी प्रिया की संपित संपत्ति पर कूटने चिपकाया इश्तेहार
सीबीआई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि अभी 82 की प्रोसिडिंग के तहत कार्य किया जा रहा है सर्जन घोटाले के मुख्य किंगपिन मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और उनकी बहू रजनी प्रिया है दोनों के खिलाफ कोर्ट में बेरासी की प्रोसिडिंग है दोनों के खिलाफ कोर्ट का ऑर्डर भी जारी हुआ है उसे आज उनके संपत्ति पर चिपका दिया गया है और पब्लिक से अपील भी की जा रही है कि इनके बारे में जो कोई भी जानकारी मिलता है उन्हें लोकल पुलिस या सीबीआई को तुरंत जानकारी दें वहीं उन्होंने यह भी बताया कि फिर भी वह लोग कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो 83 की प्रोसिडिंग के तहत कार्रवाई की जाएगी।