सिविल सर्जन डा उमेश कुमार ने शनिवार को गोपालपुर व इस्माइलपुर पीएचसी का शनिवार की दोपहर को औंचक निरीक्षण किया। बताते चलें कि इस्माइलपुर पीएचसी में कोरोना की जाँचोपरान्त सिर्फ रेपर वापस लाने के मामले की जाँच सिविल सर्जन ने किया।उन्होंने लैब टैकनीशियन से मामले की जानकारी ली तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा राकेश रंजन को विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि जाँच के बाद किट को फेंकना गंभीर बात है।उन्होंने चिकित्सक व कर्मियों के आपसी विवाद के ततकाल समाधान करने व कार्रवाई करने की जानकारी दी। गोपालपुर पीएचसी में कार्यरत लैब टैकनीशियन द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की शिकायत पर उन्होंने बताया कि कोरोना की फर्जी जाँच की शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज हो सकता है।
उन्होंने गोपालपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व एक एएनएम के बीच हुए विवाद के बारे में कहा कि बैठक आयोजित कर मामले का निष्पादन कर दिया जायेगा। उन्होंने गोपालपुर पीएचसी में कार्यरत डा मनोहर जायसवाल की लंबी अनुपस्थिति को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह गंभीर अपराध है। सीएस ने डा जायसवाल के निलंबन व बर्खास्तगी के लिये विभाग के वरीय अधिकारियों के पास प्रस्ताव भेजने की जानकारी दी है।