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भागलपुर।ऑनलाइन मंजूषा कला का परिचयात्मक कार्यशाला का आयोजन स्पीक मैके के द्वारा किया गया इस कार्यशाला में मंजूषा प्रशिक्षक मनोज कुमार पंडित कश्मीर दिल्ली हरियाणा पंजाब मुंबई एवं अन्य प्रांतों के प्रतिभागी को मंजूषा के बारीकियों के बारे में बताया एवं मंजूषा के विस्तार रंग विन्यास एवं उत्पत्ति के बारे में बताया ।

मंजूषा प्रशिक्षक मनोज पंडित ने मंजूषा कला की पूरी परिचय देते हुए अंग की मूल धर्म और मंजूषा कला कि रंग विन्यास रेखाचित्र डिजाइन मोटिव्स के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उनकी प्रसिद्धि व गुण की चर्चा करते हुए विस्तार से मंजूषा कला की चलंत कला के बारे में भी बताया ,कार्यक्रम का संचालन रूपाली मल्होत्रा ने किया और कई प्रांतों के कई अधिकारी व कलाकार भी जुड़े हुए थे ,कश्मीर से कोऑर्डिनेटर वसीम खान थे , सब उन्हें मंजूषा कला के बारे में जाना और काफी प्रभावित हुए।

वहीँ कई प्रतिभागियों ने बताया कि अभी तक मैंने मंजूषा कला नाम भी नहीं सुना था बिहार के मधुबनी पेंटिंग का नाम सुना था लेकिन मंजूषा नहीं सुना था आज मंजूषा के बारे में उसके इतिहास और उद्भव को जानकर काफी खुशी हुई साथ ही साथ उनके रंग विन्यास की प्रतिभागियों ने काफी प्रशंसा की ।

इस कड़ी में हम यह कह सकते हैं कि अपने अंग जनपदीय धरोहर की लोक कला मंजूषा कला को भारत के कोने कोने तक पहुंचाने में स्पीक मैके का भी सराहनीय योगदान मिल रहा है,

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