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पूर्व आईएएस केपी रमैया , अमित और रजनी प्रिया अब भी पुलिस की चंगुल से हैं फरार

बिहार के सबसे बड़े और चर्चित घोटाले में भागलपुर के सृजन घोटाला से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने घोटाले के तीन आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया है, दरअसल पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया, घोटाले की किंग पिंग मनोरमा के बेटे अमित कुमार और रजनी प्रिया को सीबीआई गिरफ्तार करने में विफल रही जिसके बाद तीनों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया, दरअसल बहुचर्चित सृजन घोटाले में कुल 27 आरोपी शामिल है जिसमें से 12 बेऊर जेल में बंद है जबकि 7 आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं, वही केपी रमैया समेत तीन आरोपी फरार चल रहें हैं, जिसके बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए आईएएस अधिकारी केपी रमैया अमित कुमार रजनी प्रिया को भगोड़ा घोषित कर दिया है।

दरअसल इस घोटाले की कहानी भी दिलचस्प है, साल 2017 के अगस्त माह में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे का साइन किया हुआ चेक बैंक ने वापस कर दिया था इसके पीछे बैंक ने तर्क दिया कि खाते में पर्याप्त रकम नहीं है इस पर जिलाधिकारी हैरान रह गए और मामले की तह तक जाने के लिए पर एक जांच कमेटी बैठा दी, जिसके बाद परत दर परत खुलती गई घोटाले की कहानी, जांच में पता चला कि कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय खातों में ना जाकर वहां से निकलकर सृजन महिला विकास आयोग समिति नाम के एनजीओ के छह खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी फिर एनजीओ के कर्ताधर्ता जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी पैसे को इधर-उधर कर देते थे तब जाकर बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ।

सृजन घोटाले में सीबीआई की ओर से 16 मार्च गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई थी जिसमें घोटाले में शामिल सृजन के फील्ड सुपरवाइजर उमेश कुमार सिंह को सीबीआई की दो सदस्य टीम के द्वारा सुबह उनके घर शांति नगर सबौर से टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार उमेश पर आरोप है कि सृजन घोटाले के दौरान चेक को इधर से उधर करने में इसकी बड़ी भूमिका जांच के दौरान सामने आई थी। जिसके बाद टीम के द्वारा कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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