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श्रद्धालुओं से शाही स्नान के दिन साधु-संतों को प्राथमिकता देने की अपील

नवगछिया । जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने त्रिवेणी गंगा घाट पर संगम में पवित्र स्नान कर धर्म की परंपरा का निर्वहन किया। इसके बाद उन्होंने प्रयागराज के वरिष्ठ संत-महात्माओं से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। संगम स्नान के पश्चात स्वामी आगमानंद जी गोरखधाम पहुंचे और वहां से अयोध्या स्थित विभीषणकुंड गए, जहां उन्होंने अपने आश्रम में कई घंटे बिताए।

महाकुंभ में संगम स्नान का विशेष महत्व

स्वामी आगमानंद जी महाराज, जो अयोध्या के उत्तरतोताद्रिमठ विभीषणकुंड के उत्तराधिकारी हैं, ने महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम स्नान करने की विशेष मान्यता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि शाही स्नान के दिन साधु-संतों को पहले स्नान करने दें, क्योंकि इस दिन स्वयं ईश्वर भी स्नान करने यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि आम श्रद्धालु यदि संभव हो तो शाही स्नान के बाद अथवा किसी अन्य दिन स्नान करें।

अफवाहों से बचें, प्रशासन के निर्देशों का करें पालन

स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि महाकुंभ में विभिन्न अफवाहों के कारण भी कई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और संयम बनाए रखें। उन्होंने सुझाव दिया कि लोग संगम क्षेत्र में गंगा घाट के तट पर ही स्नान करें और नाव के जरिए संगम स्थल तक जाने से बचें।

जो लोग महाकुंभ में नहीं आ पा रहे हैं, उनके लिए उन्होंने उपाय बताते हुए कहा कि वे संगम का जल मंगवाकर अपने घर के जल में मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होगा।

तीर्थ यात्रा के प्रति संतों की सलाह

स्वामी आगमानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं को सलाह दी कि प्रयागराज में जो भी साधु-संत मिलें, उन्हें दूर से प्रणाम करें और अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें। उन्होंने कहा कि अभी अयोध्या, काशी, विन्ध्याचल, गोरखनाथ धाम जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करने से बचें। प्रयागराज में भी देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए अभी न जाएं, बल्कि भविष्य में जब अवसर मिले या ईश्वर की कृपा हो, तभी वहां दर्शन करें।

उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम स्नान के बाद तुरंत अपने घर वापस लौटें और प्रयागराज में अनावश्यक रूप से भीड़ न बढ़ाएं। साथ ही, प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूर्णतः पालन करें ताकि महाकुंभ का यह भव्य आयोजन सुचारु रूप से संपन्न हो सके।

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