December 19, 2022
बदल गया नवगछिया – दादाओं की तो चली ही नहीं || GS NEWS
नवगछियाबिहारभागलपुरDESK 04ऋषव मिश्रा ‘कृष्णा’, नवगछिया नवगछिया – एक समय था, जब नवगछिया में चुनाव का मतलब खून की होली होती थी. ताकतवर लोगों की चलती थी, प्रत्याशी आपराधिक हो या न हो लेकिन उन्हें जीतने के लिये दादाओं की जरूरत पड़ती थी. वर्ष 2005 से पहले कोई भी ऐसा चुनाव नहीं हुआ जो रक्त रंजित न हो. वह ऐसा दौड़ था जब लोगों को बोल दिया जाता था, बूथ कैप्चर हो गया, आपका वोट गिर गया है. संपन्न हुए नगर पंचायत चुनाव को देख कर एक तरफ समाज के वरिष्ठ और जिम्मेदार लोगों का कहना है कि इतनी खूबसूरती से लोकतंत्र का महापर्व संपन्न होगा, उस दौड़ में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. वाकई नवगछिया बदल गया है. अब […]