October 11, 2020
11 अक्टूबर अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कवि प्रभाकर सिंह की रचना
UncategorizedBarun Kumar Babulबेटी 😡😡😡 1.बेटी धन अनमोल है, सुरक्षित रखे और। सुसंस्कृति का पाठ पढे, संस्कारित पे जोर। 2.बेटी हृदयी में सदा, चाहे जाये दूर। मात-पिता आंखों पले, मत बोलो नासूर। 3.बेटी पग आगे बढे, सफल होत इम्त्हान। बेटा से वह कम नहीं, जगत में बढे मान। 4. बेटी वंशी-धारिके, जन्मे कूल संतान। दाम्पत्ये भागीरथे, राखे स्वामी मान। 5.मात-पिता अवस्था बढे, . करे वह देखभाल। सेवा गरिमा सतत रहे, किंचित न रहे मलाल। प्रभाकर सिंह कदवा, नवगछिया, भागलपुर Barun Kumar Babul