April 10, 2024
पढ़िए पूर्णिया की कवयित्री मनु रमण चेतना की रचना : ममता की चित्कार … नवगछिया के पीयूष के लिए सहयोग जरूर करें
नवगछियासमाज सेवाहिंदी रचनाहिंदी साहित्यManjusha Mishraममता की चित्कार नवगछिया का वो लाल हैसुनील कुमार का भाल हैमां के आंखों का वह ताराबुढ़ापे का एकमात्र सहाराकैंसर ने किया पुत्र पर वारपिता पे आई विपदा हजारअस्पताल में है पुत्र बिमारकराया उसने बहुत उपचारजेब हो गई पिता की खालीघर की हालत है बदहालीबेबस पिता की सूजी आंखेंमां कह रही है हाथ पसारमेरे बेटे के जीवन खातिरकोई तो आकर करो उपकारमेरी मदद को हाथ बढ़ाओमानवता का धर्म कमाओभला करोगे भला हीं होगाशुभ कर्म का फल मीठा होगामौत के दर पर खड़ा पुत्र हैसुन लो ममता की चित्कारबेबस और लाचार पिता कीसुन लो भाई करूण पुकारपरोपकार सा पुण्य नहीं हैकहता है यह वेद पुराणनवगछिया का लाल बचाकरकर जाओ कुछ काम महान।। स्वरचित:-मनु रमण चेतना,पूर्णियां, बिहार नवगछिया के लाल को मदद […]