October 14, 2020
“शराब की बोतल हूँ मैं” पढिये प्रभाकर सिंह की कविता
हिंदी रचनाBarun Kumar Babulशराब की बोतल हूँ मैं😎😎😎😎😎😎शराब की बोतल हूँ मैंपडोसी घर नचायी जाती।छुप-छुपाके बिहार आईओर यहाँ छिपायी जाती।चीज बडी मान की हूँ मैंशराब की बोतल हूँ मैं। हूँ आस बेरोजगारों काकमरबंद करके लाते हैं।चेकिंग देख रास्ते में वोझांसे से निकले जाते हैं।राहत पा चुमि जाती हूँ मैंशराब की बोतल हूँ मैं। लिगल समानों बीच छुपाकेट्रको में ढोयी जाती हूँ।कस्टम के अत्याचारों सेकिस्मत पे रोयी जाती हूँ।सर्वत्र भाग्यहीन न हूँ मैंशराब की बोतल हूँ मैं। मुझे रखे गड्डे में वो तोसिस्टम से ग्राहक लाते हैं।पौआ,हाफ,फूल कह-कहकेहम अजब पुकारे जाते हैं।बेहद उँची दाम की हूँ मैंशराब की बोतल हूँ मैं। पी-पी के मेरी फजिहत करपरस्पर सब लड जाते हैं।गैर-कानूनी खेल खेलकरथाने सीखाने जाते हैं।वहाँ बुलायी जाती हूँ मैंशराब की बोतल हूँँ मैं। थानेदार […]