भागलपुर के सबौर स्थित झुड़खुड़िया स्थित तक्षशिला विद्यालय में पूर्णियां के नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का आयोजन दो पालियों में की गयी. दोनों पालियों में शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा कराने का दावा किया गया है. जबकि परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पूर्व शिक्षकों की जांच मैटल डिटेक्टर से की जा रही थी. किसी भी प्रकार का इलैक्ट्रोनिक गैजेट यहां तक कि कलम पर्स ले कर भी परीक्षा केंद्र में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. तीन स्तर पर शिक्षकों की चेकिंग की जा रही थी.
परीक्षा दे कर निकले शिक्षकों ने कहा – आसान नहीं थे पश्न तो मुश्किल भी नहीं थे
परीक्षा दे कर निकले अधिकांश शिक्षकों ने कहा कि उनलोगों को दिया गया पश्न पत्र स्तरीय था. प्रश्न आसान नहीं तो मुश्किल भी नहीं थे कि कोई शिक्षक उसे हल न कर सके. सभी प्रकार के प्रश्न दशवीं कक्षा के सिलेबस से पूछे गए थे. प्रश्न पत्र में सभी विषयों से प्रश्न थे.
परीक्षा दे कर बाहर निकले शिक्षक मीडिया कर्मियों से बात करने में कतरा रहे थे. शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रश्न् ठीक ठाक थे जो शिक्षक लंबे समय से पढ़ा रहे हैं उनके लिए पश्न सामान्य ही थी. लेकिन वे लोग बतौर शिक्षक पढ़ा ही रहे थे. इतने वर्षों के बाद इस प्रकार से परीक्षा लेना ही औचित्यपूर्ण नहीं है. उनलोगों को बिना किसी शर्त के ही राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए था. इधर कुछ ऐसे भी शिक्षक मिले जिन्होंने कहा कि प्रश्न काफी कठिन थे.