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बिहपुर- बिहपुर प्रखंड के जयरामपुर गांव के दियरा क्षेत्र में पुरातात्विक स्थल गुवारीडीह को बचाने के लिए कोसी तट पर एक किलोमीटर में एंटी इरोजन का कार्य शुरू कर दिया गया है. जानकारी देते हुए साइट पर कार्य की देख रेख कर रहे प्रवीण कुमार फोर्ड ने कहा कि गुवारीडीह टीले को बचाने के लिये लगभग डेढ़ सौ मीटर तक सिर्फ नदी के सतह पर जियो बैग गेवियन बैंडिंग का कार्य होगा जबकि टीले के दोनों तरफ करीब आठ सौ मीटर के क्षेत्र में जियो

बैग गेवियन बैंडिंग से सतही और स्लोप का निर्माण किया जायेगा. प्रवीण कुमार फोर्ड ने कहा कि हर हालत कोसी नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी होने से पहले ही कार्य समाप्त कर लिए जाने की योजना है ताकि कार्य पूर्ण हो सके और गुवारीडीह का टीला पूरी तरह से संरक्षित किया जा सके. कार्य की कुल लागत ₹पांच करोड़ 45 लाख है. फिलहाल टीले के ही 35 फीसदी भाग से जंगल को हटा कर कार्य कर रही एजेंसी का कार्यालय बनाया गया है.

कोसी की धारा मारने का कार्य टेंडर प्रक्रिया में

गुवारीडीह टीले को बचाने के लिए कोसी की धारा को मोड़ने की योजना अभी टेंडर की प्रक्रिया में है. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने कहा कि धारा को मोड़ने का कार्य कुल 17 करोड़ की लागत से होना है. जल्द ही इस कार्य को भी शुरू किया जाएगा.

कार्यपालक अभियंता ने कहा कि दोनों कार्य को समाप्त करने की तिथि 15 मई है और 15 मई तक दोनों कार्य को हर हालत समाप्त कर दिया जाएगा. वर्तमान में अस्थल पर चल रहे कार्य में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. साइट पर जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता विजय कुमार लगातार कैंप कर रहे हैं.

इधर सर्च अभियान में मिले कई दुर्लभ पुरावशेष

गुवारीडीह में सर्च अभियान चलाने वाले जयरामपुर गांव के युवक अविनाश कुमार के नेतृत्व में गांव के युवकों ने दो दिनों तक लगातार सर्च अभियान चलाया है. सर्च अभियान में ग्रामीणों ने मिट्टी से बनाये गए चमकीले बर्तनों के कई अवशेष, कई तरह की मोतियां, मृदभांड के अवशेष और जीवाश्मों को भी एकत्रित किया है.

ग्रामीण अविनाश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के जाने के बाद गुवारीडीह में हुए कार्यों से वे लोग संतुष्ट हैं लेकिन अब तक गुवारीडीह में थान खोलने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. अविनाश ने कहा कि गुवारीडीह का टीला तभी पर्यटन का रूप ले सकता है जब आस पास का इलका पूरी तरह आए सुरक्षित हो. बिना थाना पुलिस की मौजूदगी के यह संभव नहीं है.

अविनाश ने कहा कि फिलहाल वे लोग संग्रहित सामग्रियों को मुर्गी फार्म में रख रहे हैं. सर्च अभियान में अविनाश के साथ पैक्स अध्यक्ष विकास कुमार, राजीव साह, पंकज तिवारी, सुधांशु कुक्कू समेत कई लोग मौजूद थे.

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