त्रिदिवसीय विक्रमशिला महोत्सव 2024 का रंगारंग आगाज
@ कहलगांव की मिष्टी रानी का जलवा रहा, बारहमासा (नालंदा) ने लोगों को झुमाया। बिहार का इकलौता सूफियाना बैंड, भागलपुर ने तो अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से ठंडी में गर्मी का एहसास करा दिया।
प्रदीप विद्रोही/ प्रतिमा
राज्य सरकार के पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 20 से 22 दिसंबर तक चलने वाले त्रिदिवसीय विक्रमशिला महोत्सव 2024 का रंगारंग आगाज शुक्रवार को दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। दीप प्रज्वलन पीरपैती विधायक ललन पासवान, कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव, जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी, डीडीसी प्रदीप कुमार सिह, डीआरडीए निर्देशक-उदयशंकर, नगर अध्यक्ष कहलगांव संजीव कुमार, जिप उपाध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू यादव, कहलगांव प्रमुख नूतन देवी, पीरपैती प्रमुख रश्मि कुमारी, स्थानीय मुखिया ललिता देवी, कहलगांव एसडीएम अशोक कुमार मंडल, डीएसपी शिवानंद सिंह आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर महोत्सव की शुरुआत की। इसके पूर्व संत जोसेफ स्कूल दीतिनगर के छात्रों द्वारा अतिथियों के स्वागत के लिए स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। वहीं मंचासिन अतिथियों का स्वागत विक्रमशिला का मोमेंटो, अंग एवं पौधा देकर कियाबगया। देर शाम प्रशिक्षु आईएएस गरिमा लोहिया भी महोत्सव में शामिल हुई।
@ विक्रमशिला विश्वविद्यालय पर केंद्रित रहे वक्ता : अपने स्वागत भाषण में जिलाधिकारी ने कहा कि हम लोग प्रयासरत हैं कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय का सत्र जल्द से जल्द आरंभ हो।उन्होंने बटेश्वर रेल लाइन, पीरपैंती थर्मल प्लांट आदि के माध्यम से लोगों को विकास की रूप रेखा दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अंग भूमि विकास के आसमान को छुएगा। इस ओर सरकार की ओर से खूब प्रयास हो रहे हैं। अंतिचक पंचायत की मुखिया ललिता देवी ने संशय प्रकट करते हुए कहा कि पता नहीं हमलोग विक्रमशिला विश्वविद्यालय को देख पाएंगे या नहीं। प्राचीन विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों की भी अभी तक पूरी तरह खुदाई नहीं हो पायी है।प्रमुख कहलगांव नूतन देवी और मुखिया ललिता देवी ने मंच से महोत्सव में प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। जिला परिषद उपाध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि विक्रमशिला का अब तक अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है।हम चाहते हैं कि नालंदा के तर्ज पर विक्रमशिला का भी विकास हो।कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव ने कहा चार माह के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विक्रमशिला विश्वविद्यालय का शिलान्यास होने की संभावना है।उन्होंने जिले में हुए विकास से आम जनता को अवगत कराया। विधायक ने अपने व्यक्तव्य अंगिका में ही बोले। पीरपैंती विधायक ललन पासवान ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के हवाले से दुहराया की अप्रैल माह के अंत या मई माह तक प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।उन्होंने कहा कि विक्रमशिला महोत्सव हेतू फंड अभी तक जिला प्रशासन को नहीं प्राप्त हुआ है।फिर भी महोत्सव हो रहा है इसके लिए मैं जिलाधिकारी को धन्यवाद देता हूं। धन्यवाद ज्ञापन डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह ने किया।
बॉक्स खबर :
तेरे मस्त मस्त दो नैन… मेरे दिल का ले गए चैन…
शबाब साबरी के गीतों पर झूमे दर्शक
तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है… प्रेम रतन धन पायो, हमका पीनी है पीनी है, तेरे नैना बड़े कातिल, दिल बड़ा मुक्ता, दिल करें चू चै, दिल मेरा मुफ्त का, रश्के कमर,,,, विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिन सूफी संग प्ले बैक सिंगर शबाब साबरी ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। हिट हिंदी फिल्मों में अनेक गीत गाए साबरी ने अपनी जादुई आवाज से तीन दिवसीय विक्रमशिला महोत्सव की पहली सुरमई शाम को झंकृत कर दिया। ठंडा-ठंडा कूल-कूल मौसम में दर्शको को मदमस्त कर दिया।
45 वर्षीय शबाब साबरी एक चर्चित सूफी संग बॉलीवुड पार्श्व गायक है। शबाब साबरी के पिता इकबाल साबरी और चाचा अफजल साबरी भारत में कव्वाली और सूफी गायक थे। शबाब साबरी ने 14 साल की उम्र में राशिद खान साहब से प्रशिक्षण लेना शुरू किया था। बाद में साबरी ने अपने पिता के साथ कई लाइव शो में सीखा और प्रदर्शन किया। साबरी ने बताया कि मन अपने परिवार का छठी पीढ़ी व मेरे बच्चे सातवीं पीढ़ी की गायकी से जुड़े हैं।
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महोत्सव मे लगे विभिन्न विभागों के 16 स्टॉल :
महोत्सव के दौरान महोत्सव परिसर में विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने हेतु 16 स्टॉल लगाये गये हैं। इन स्टॉलों में जीविका द्वारा उत्पादित सामग्रियों एवं दीदियों द्वारा तैयार रसोई की की बिक्री के लिए जीविका स्टॉल, सामाजिक सुरक्षा विभाग का स्टॉल, स्वास्थ्य विभाग कास्टॉल, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का स्टॉल, मनरेगा स्टॉल, एनटीपीसी के सीएसआर एवं उत्पादन, उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एनटीपीसी स्टॉल, कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, दिव्यांगजन विभाग के स्टॉल लगाये गये हैं। इसके अलावे आईसीडीएस बालविकास परियोजना का स्टॉल, बाल संरक्षण इकाई का स्टॉल, खादी ग्रामोद्योग का स्टॉल, आईटीसी, नगर पंचायत कहलगांव का स्टॉल, कृषि विभाग का स्टॉल एवं डीआरसीसी का स्टॉल
भी लगाया गया है। हालांकि स्थानीय उत्पादकों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को स्टॉल नहीं मिलने से उनमें निराशा है।
क्षेत्रीय व स्थानीय कलाकारों ने भी खूब झुमाया
मिष्ठी रानी, सूफियाना बैंड, बारहमासा का जलवा :
मिष्ठी रानी की थिरकन व नालंदा से आए रंजीत कुमार की टीम ने बारहमासा पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत कर नालंदा की टीम ने दर्शकों का मन मोह लिया। कहलगांव की मिष्टी रानी की आज की पांचवीं प्रस्तुति थी। हर बार महोत्सव का मंच लुट रही है। आज भी इसने विभिन्न गीतों पर थिरक कर खूब तालियां बटोरीं। भारत के विभिन्न राज्यों के अलावे विदेशों में प्रस्तुति देने वाले नालन्दा से आये रंजीत कुमार की टीम द्वारा बारहमासा प्रस्तुत कर लोगों को मोहित कर लिया। जन्म से मृत्यु पर्यंत सोलह संस्कारों एवं चैत से लेकर फाल्गुन तक बारहों मास के दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक गीतों की झलक इस लोक नृत्य में प्रस्तुत की गई। बिहार की मिट्टी का इकलौता सूफियाना बैंड, भागलपुर की लोकप्रिय टीम ने जब अपने अलग अंदाज में गीतों की झड़ी बरसाई तो दर्शक इस फुहार में डूबते उतारते रहे। तालियां बजाते रहे। इस गुहार के क्रम में सांसों की माला पे सिमरु मैं पी का नाम, देर न हो जायें कहीं देर न हो जायें, तू माने या ना माने दिलदारा, तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी, मोहब्बत के राहों में आकर तो देखो, छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाइके, दमादम मस्त कलंदर जैसे गीतों की प्रस्तुति की। इस टीम में गायक के रूप में गजेंद्र मिश्रा एवं आदिल खान की सधी आवाज़ के साथ तबला पर अनुमेह मिश्रा, ढोलक पर विजय, की बोर्ड पर निराला, पैड पर उजाला रहे। आईओसीजी टीम द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना, बिहार भवन भागलपुर की संस्था किलकारी की समूह द्वारा झिझिया नृत्य की तारीफ भी लोगों ने किया। आन्वी सिंह दुर्गा तांडव, सुनील कुमार कत्थक डांस की भी प्रस्तुति सराहनीय रही। आज शिरकत करने वाले कलाकारों को डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी, डीडीसी प्रदीप कु सिंह, डीआरडीए डायरेक्टर उदय शंकर,एसडीएम अशोक कुमार मंडल द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया।