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ठंढ में हृदय घात व ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। यह बाते अनुमंडल अस्पताल नवगछिया के चिकित्सक अरूण कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया। बताया गया कि पछुआ हवा बहने के कारण शाम में ठंड काफी बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत हैं। ठंढ में बल्ड प्रेषर, हार्डअटैक, निमोनिया, दम्मा जैसी बिमारी का खतरा बढ़ जाता है। ठंढ़ से बचने के लिए बराबर लौग अगीठी का प्रयोग करते है। सोते समय अगीठी को बुझाकर सोये। यदि रूम बंद में अगीठी जली रह गई तो रूम में कार्बनडाईअक्साइड के बढ़ने से भी मौत हो सकती है।
बच्चों व वृद्ध को ठंढ़ में बच कर रहना चाहिए । बच्चों व वृद्ध को ठंढ़ में बचकर रहना चाहिए। ठंढ में बच्चे व वृद्ध बिमारी के चपेट में आ जाते है। डब्लु एच ओ के अनुसार 65 वर्ष के अधीक आयु वर्ग के लोगों को ठंढ़ में निमोनिया रोग से बचने के लिए वैक्सीन लगवा लेना चाहिए।

क्या हैं कारण
ठंढ़ में शरीर के रक्त नलिका सिकुड़ जाती है। पसीने नही निकलने से शरीर में नमक अंदर ही रह जाता है। इस कारण ब्लड प्रेषर बढ़ जाता है। युवा वर्ग भी ब्लड प्रेषर के चपेट में आ सकते है। ठंढ़ में त्वचा सुश्क हो जाती है। इससे पूरे शरीर में खुजली हो जाती है।

क्या हैं निदान
इस ठंढ़ के मौसम में घर से बाहर कम निकले। घर से बाहर निकले भी तो गर्म कपरे पहन कर निकले। भूखे पेट नही रहे। किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर चिकित्सक की सलाह ले। ब्लड प्रेषर की नियमित जांच करवाये। ऐसा कार्य करे जिससे शरीर से पसीना निकले ।

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