नवगछिया – तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की सम्बद्ध इकाई नवगछिया स्थित बनारसी लाल सर्राफ वाणिज्य महाविद्यालय में “विषानुजन्य महामारी आपदा कोविड-19 का विभिन्न आयामों पर प्रभाव” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार के दूसरे दिन कार्यक्रम का उदघाटन करती हुई टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना पेंडमिक से जूझ रहा है. इस पेंडमिक को हौसले और जज्बे से सतर्कता के साथ जीता जा सकता है.
हमें घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. बस सावधानी और सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है. डबल मास्क का प्रयोग करें. मास्क से अपने फेस खासकर मुँह और नाक को अच्छी तरह से कवर करके रखें. लोगों से दूरी बनाए रखें. सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें. कुलपति ने कहा कि यदि कोरोना का असर खत्म भी हो जाता है तो भी लापरवाह नहीं बनें. बल्कि हमेशा मास्कल. और सेनिटाइजर का प्रयोग करें. थर्ड वेभ से अभी खतरा बाकी है. मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें.
इस तरह का वायरस कोई नया नहीं है. इस वायरस को शरीर में नहीं घुसने देने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का जरूर पालन करें. कुलपति ने कहा कि आज दुनिया ने कोरोना की भयावहता से निपटने के लिए वैक्सीन भी बना लिया है. सभी लोग वैक्सीन जरूर लें. खुद भी टीकाकरण कराएं और अन्य लोगो को भी इसके लिए प्रेरित करें. इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय की परंपरा के मुताबिक कुलगीत से हुई.
कुलपति सहित वेबिनार के वक्ताओं और अतिथियों का स्वागत बीएलएस वाणिज्य महाविद्यालय शासी निकाय के सचिव व टीएमबीयू के सीनेट सदस्य डॉ मृत्यंजय सिंह गंगा ने किया तथा कॉलेज की विशेषताओं की जानकारी भी दी. कुलपति के उद्घाटन भाषण के बाद तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के डीन व पीजी जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ठाकुर ने इस सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना का दुष्प्रभाव लगातार जारी है।
आर्थिक और शैक्षणिक वातावरण गड़बड़ा रहा है. कई परीक्षाएं बाधित हैं. सामाजिक परिस्थिति में बदलाव आ गया है. कोरोना से बचाव के नियमों का पालन कर ही उस पर विजय पा सकेंगे. तीसरी लहर भी आने वाली है. उसका सामना करने को तैयार रहना है. मुख्य वक्ता टीएमबीयू के भूगोल विभाग के पूर्व हेड डॉ एसएन पाण्डेय ने वेबिनार के विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि लैपटॉप और मोबाइल इत्यादि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिक उपकरण को अनावश्यक रूप से ऑन नहीं रखें,
क्योंकि उससे भी खतरनाक गैस उत्सर्जित होती है. जिसका प्रभाव पर्यावरण पर ही पड़ता है. टीएनबी कॉलेज के भूगोल विभाग के हेड डॉ अनिरुद्ध कुमार ने कोविड-19 के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को लेकर कहा कि इसका प्रभाव हर जनमानस पर पड़ रहा है. जिसकी वजह से लोग घरों में कैद हैं, सड़कें वीरान हैं, बच्चों के खेल के मैदान सुने हैं, जीवन रक्षक दवा और ऑक्सीजन के लिए दौड़ रहे हैं. ऐसी विभीषिका पहले कभी नहीं देखी गई.
हजारीबाग विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग अध्यक्ष डॉ सरोज कुमार सिंह ने मानव संसाधन के तहत शैक्षणिक व्यवस्था पर कोरोना के पड़े प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि सभी संसाधनों की कुंजी होती है मानव संसाधन विभाग जो कोरोना के कारण तार-तार हो चुकी है. बिलासपुर स्थित सी वी रमन विश्वविद्यालय की समाज विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ काजल मोइत्रा ने पर्यावरण पर कोरोना के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि करोना आया है चला जाएगा, लेकिन पर्यावरण को संतुलित बनाए रखना है.
फिलहाल कोरोना से बचाव के नियमों को अपनाना है. यूएनपीजी कॉलेज पडरौना के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह ने मानव रिसोर्स पर कोरोना के प्रभाव पर चर्चा करते हुए देश-विदेश तथा राज्यों के बीच कोरोना के प्रभाव का तुलनात्मक ब्यौरा दिया. कार्यक्रम के अंत में बनारसी लाल सराफ कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य मो नईम उद्दीन ने कुलपति,
मुख्य अतिथि तथा सभी वक्ताओं के साथ साथ मीडिया कर्मियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. इस दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार कार्यक्रम में सात सौ से अधिक लोग शामिल हुए. आयोजन सचिव डॉ रणवीर कुमार यादव, प्रो नवलकिशोर जायसवाल समेत अन्य की भी भागीदारी रही.