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पिछले एक माह से 1 से 3 कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई है बाधित

कक्षा 4 से 8वी तक के छात्रों को एक ही कमरे में बैठाकर हो रही पढाई, ग्रामीणों ने किया विरोध

नवगछिया। नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय नवटोलिया में पिछले एक माह से विद्यालय भवन निर्माण कार्य होने व ठेकेदार की मनमानी के कारण सैकड़ो छात्रों का पढाई पूर्ण बाधित है। मिली जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय नवटोलिया में विभाग की ओर से विद्यालय भवन के दो कमरों का निर्माण एवं मरम्मती कार्य एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है। बताया गया कि भवन निर्माण कार्य करा रहे एजेंसी के ठेकेदार ने एक माह पूर्व विद्यालय के तीन कमरों को तोड़कर गिरा दिया है और अधूरा कार्य छोड़कर पिछले एक माह से फरार है। जिससे विद्यालय के बच्चों को पठन पाठन में भारी दिक्कतें हो रही है। गौरतलब हो कि मध्य विद्यालय नवटोलिया में कक्षा प्रथम से आठवीं कक्षा तक कि पढाई होती है। विद्यालय में छह शिक्षिकाएं एवं प्रधानाध्यापक समेत कुछ सात शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों को पढ़ाते हैं। विद्यालय में कुल 196 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। मामले को लेकर प्रधानाध्यापक शंभु मंडल ने बताया कि ठीकेदार की मनमानी के कारण एक माह से एक ही कमरे में सैकड़ो बच्चों को बैठाकर पढ़ाते हैं। हालांकि प्रधानाध्यापक के द्वारा बच्चों को बैठाने के लिए विद्यालय कैंपस में टेंट लगाया गया है लेकिन बारिश की वजह से टेंट क्षतिग्रस्त स्थिति में गिरा पड़ा है। एचएम ने बताया कि इसी समस्या की वजह से कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को छुट्टी दे दिया गया है। जिला शिक्षा परियोजना के द्वारा निर्माण कार्य हो रहा है। वही एजेंसी के द्वारा मनमाने ढंग से कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है जिस कारण पठन पाठन कार्यं बाधित है।

एचएम ने कहा, इस विद्यालय में कुल चार भवन कमरा है। जिसमे तीन कमरे एजेंसी के द्वारा तोड़ दिया गया है। निर्माण कार्य रुका हुआ है। विद्यालय परिसर में तीन में एक चापाकल गड़बड़ है। यहां बिजली है लेकिन पंखा में खराबी के कारण बच्चे गर्मी से परेशान रहते हैं। ग्रामीण सुनील कुमार झा, योगेश मिश्रा, दिलीप चौधरी, दीपक कुमार, उदय चौधरी, योगेश मिश्रा, नन्हकू चौधरी आदि ने बताया कि ठेकेदार द्वारा अंग्रेजो के जमाने के बने सौ वर्ष पुराने दीवार पर छत बनाया जा रहा था जिसपर रोक लगा दिया गया। तब से आज तक ठेकेदार कही नजर ही नही आए। ग्रामीणों ने कहा, विद्यालय की व्यवस्था सही नही है। शिक्षक-शिक्षिकाएँ तो विद्यालय समय पर आ जाते हैं लेकिन विद्यालय के बच्चों में पढाई के प्रति रुचि व शिष्टता नही दिखता है। जिस कारण विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति नदारद रहती है।

बच्चों के मध्याह्न भोजन में मेनू का पालन नही किया जाता है। बच्चो को मिलने वाली योजनाओं की राशी में भी लेट लतीफा लगा रहता है। वही अब अंग्रेजो के जमाने में बने विद्यालय भवन को तोड़कर नया भवन बनना चाहिए। ठीकेदार नियम में ताख पर रखकर निर्माण कार्य करा रहे थे जिसपर ग्रामीणों ने रोक लगा दिया गया। ग्रामीणों ने कहा, पुराने दीवार पर छत बनने से जल्दी ही भवन ध्वस्त हो सकता है क्योकि बरसात के समय मे विद्यालय के चारो तरफ जलजमाव हो जाता है। कमजोर दीवार पानी मे ढह सकता है। जिससे बड़े हादसे को टाला नही जा सकता है। इस बारे में भागलपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत विभागीय अधिकारियों से मोबाइल पर संपर्क असफल रहा।

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