भागलपुर।राज्य सरकार महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए तरह तरह के अभियान चला रही है। छात्राओं को स्वालंबी और सशक्त बनाने के लिए सरकार उन्हें प्रोत्साहन राशि भी मुहैया कराती है। योजना के तहत रकम जिलों में पहुंच तो जाता है,लेकीन सिर्फ कागज़ी पन्नों में पैसों को देने की बात लिखी जाती है। वहीं जब विद्यार्थी सरकार के दिए गए छात्रवृति की मांग करते हैं तो बदले में उनसे टालमटोल किया जाता है। इसी को लेकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय मैं कला का माहौल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
दरअसल सोमवार को बीबीए वोकेशनल कोर्स की छात्राओं ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर कुलपति विश्वविधालय की दोहरी नीति को लेकर विरोध जताया। छात्राओं ने कहा कि मुख्यमंत्री विकास योजना के तहत स्नातक पूरा करने के पश्चात छात्राओं को पच्चास हज़ार छात्रवृत्ति दी जानी थी,लेकीन स्नातक पास करने के एक साल बाद भी प्रोत्साहन राशी उनके खाते में नहीं पहुंचा है। छात्राओं ने कहा की डीएसडब्ल्यू से लेकर विश्वविधालय के तमाम अधिकारियों के दफ्तर में विगत महीनों से चक्कर लगाने पर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है और पुरा सिस्टम लिपापोती पर उतर आया है।
छात्राओं ने निराशा जाहिर करते हुए कहा की राज्य के तमाम विश्वविधालय में छात्राओं को यह राशी मुहैया करा दी गई है। जबकि अपने टूल मूल रैवए से प्रचलित भागलपुर विश्वविधालय इसमें भी निचले पायदान पर ही है। हारी थकी छात्राएं एग्जाम जब कंट्रोलर अरुण कुमार सिंह के दफ्तर पहुंची जहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी और एग्जाम कंट्रोलर ने कड़े लहज़े में छात्राओं को चले जाने को कहा। अरुण कुमार सिंह ने कहा की कन्या उत्थान राशी का कोई जिम्मा उनके हाथ में नहीं है। वहीं मीडिया से बात करने पर भी उन्होंने साफ मना कर दिया। मौके पर बीबीबीए वोकेशनल कोर्स की कई छात्राएं मौजुद रही।