कई गांवों में गिरोह हैं सक्रिय, गरीब और बेसहारा परिवार की बेटियों को बनाते हैं अपना शिकार
नवगछिया : दियारा क्षेत्र में आए दिन नाबालिग बच्चियों की तस्करी का मामला प्रकाश में आ रहा है। यूपी, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य दूसरे राज्यों में महज कुछ रूपए की लालच में यहां की नाबालिग बेटियों को बेचा जा रहा है। प्रशासन की लाख चौकसी के बाद भी यह धंधा दियारा क्षेत्रों में वर्षों से फल-फूल रहा है।
एक वर्ष पूर्व समाचार के प्रयास से बिकी हुई नई नवेली दुल्हन को दलालों ने किया था वापस
ऐसे ही एक घटना को जीएस अखबार ने अपने 23 नवंबर 2022 के अंक में प्रमुखता से छापा था। जिसमें लड़की के महज शादी के 3 दिन बाद ही बड़ी सास ने रुपए के लालच में अपनी नई नवेली बहु का सौदा कर दिया था। जिसे अखबार ने सबसे पहले जनता और पदाधिकारियों के बीच में लाया था। बड़ी सास ने “बहू का क्या सौदा” इस शीर्षक से छपी खबर का असर यह हुआ कि बिक चुकी नई नवेली दुल्हन खबर प्रकाशन महज के 24 घंटे के अंदर वापस अपनी ससुराल पहुंचा दिया गया। इस तरह की घटना की सक्रियता की जांच के लिए पटना से सीआईडी को भी लगाया गया था।
तीन दिन पूर्व भी फिर बिकते बिकते बची नाबालिग
ताजा मामला बीते वुधवार का रंगरा थाना क्षेत्र के तीनटंगा दियारा उत्तर पंचायत अंतर्गत सिमरिया गांव का है ।जहां एक बाप ने अपनी नाबालिग बेटी को शादी के नाम पर दो लाख में बेच दिया। लड़की के पिता ने राजस्थान से आए एक अधेड़ व्यक्ति के साथ उसकी शादी कर रहा था। इसी दौरान इसकी भनक ग्रामीणों को लगी। गांव वालों ने इसकी सूचना रंगरा पुलिस को दी। सूचना मिलते ही रंगरा पुलिस मौके पर सिमरिया स्थित गांव पहुंची। जहां पुलिस द्वारा राजस्थान के दूल्हा, लड़की के पिता और दलाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है।
दियारा में सक्रिय है मानव तस्करी का गिरोह
बताया जा रहा है कि नाबालिक लड़कियों की मानव तस्करी का धंधा करने वाले गिरोह आसपास के कई गांवों में सक्रिय हैं। यह लोग ऐसी लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं, जिसके माता-पिता गरीब होते हैं या माता-पिता में से किसी एक की या दोनों की मौत हो गई हो। दलाल कोई आस पास का हीं होता है, जो अगले रैकेट को लड़की वाले के तैयार होने की सूचना देते हैं। फिर लडकी के माता पिता या उनके अभिभावक के क्षमता के अनुसार उनकी कीमत तय होती हैं और फिर कीमत के हिसाब से लड़के को बुलाया जाता है। बताया जाता है कि दलाल और सक्रीय रैकेट 50 प्रतिशत कीमत की राशि खा जातें हैं।
लड़के लडकी के बीच उम्र के फासले के अनुसार कीमत होती है तय
सूत्र बताते हैं कि अधिकांश शादियां में उम्र के फासले तीन गुना या चार गुना तक हो जाते हैं। लड़के और लड़कियों के उम्र के बीच जितने अधिक फासले होते हैं उतने अधिक हीं लड़की के बदले में लड़के वाले को कीमत चुकानी पड़ती है। अधिकांश लड़के उम्र दराज होते हैं जो कम उम्र की लड़कियों को रुपए के बल पर पसंद करते हैं और ख़रीद फरोख्त का धंधा करते हैं। दलाल लड़के वालों को पुलिस प्रशासन की मैनेजिंग की गारंटी भी देते हैं, जो सरासर लड़के वालों को गुमराह करने का एक जरिया होता है।
ग्रामीणों की सजगता और जनजागरुकता की है जरूरी।
अंग सांस्कृतिक लोक मंच के सचिव चंद्रहास मंडल कहते हैं कि ऐसी घटनाओं पर तभी लगाम लग सकेगी जब तक की समाज के सभी लोग सजग नहीं होंगे साथ ही ऐसी घटनाओं के को लेकर प्रशासन को के द्वारा जन जागरूकता लाने की जरूरत है। इत्तेफाक से इत्तेफाक से दोनों घटनाएं रंगरा थाना क्षेत्र के सिमरिया गांव की ही है हालांकि यहां के ग्रामीणों ने दोनों घटनाओं में अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए प्रशासन की मदद की है।
अंग सांस्कृतिक लोक मंच के महासचिव कहते हैं कि एक बार फिर ग्रामीणों की सजगता से दियारा की नाबालिग बेटी बिकने से बच गई।
जीएस न्यूज की अपील…….
जीएस न्यूज अखबार पाठकों और समाज के सभी बुद्धिजीवी वर्गों से अपील करता है कि अगर आपके आस पास भी इस तरह की घटना हो रही है या होने की भनक भी है तो बिना समय गंवाएं तुरंत हीं इस बात जानकारी नजदीकी थाना या डायल 100 पर अवश्य दें। आपकी एक सूचना किसी की जिन्दगी बचा सकती है और दलालों को भी बेनकाब कर सकता है। याद रखें मानव का खरीद फरोख्त करना एक संगीन अपराध है।