नवगछिया के रंगरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तिनटंगा दियारा उत्तरी पंचायत के ज्ञानी दास टोला में बीते दो दिनों से कटाव में तेजी देखी जा रही है। जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर कम हो रहा है कटाव की रफ्तार तीव्र होती जा रही है। बीते मंगलवार की देर रात्रि से हीं कटाव ने विकराल रूप धारण कर लिया है। एक बार फिर कटाव का यह विनाशक रूप देख ग्रामीणों के बिच दहशत का माहौल व्याप्त हो
गया है। लिहाजा उतरती गंगा तिनटंगा दियारा उत्तरी पंचायत के अस्तित्व को हीं लीलने पर उतारू हो गई है।
गंगा ने एक बार फिर बदला कटाव का निशाना————-
वहीं दूसरी तरफ गंगा ने एक बार फिर कटाव का अपना निशाना देखते हीं देखते बदल लिया है। अब ज्ञानी दास टोला के कटाव को छोड़कर गंगा की तीव्र विनाशक धारा झल्लू दास टोला की ओर मुड़ गई है। कटाव का रुख झल्लू दास टोला की ओर होते देख इस गांव के लोगों की नींद हराम हो गई है। जबकि झल्लू दास
टोला से महज कुछ दूरी पर गंगा अपना विनाश तांडव कर रही है।। ग्रामिणो का कहना है कि अगर कटाव की रफ्तार यही रहा तो वो दिन दूर नहीं कि यहां के भी सैकड़ों लोगों को एक बार फिर विस्थापन की मार झेलनी पड़ेगी। यहां के लोग भी अपना सर छुपाने और पेट की आग बुझाने के लिए दर-दर की ठोकर होने को मजबूर हो जाएंगे।
सैकड़ों परिवार कटाव के मुहाने पर………….
ग्रामीण योगेंद्र महतो, बौद्ध नारायण दास, नरेश
दास, रविंद्र बताते हैं कि झल्लू दास टोला में हो रहे कटाव से सैकड़ो परिवार कटाव के मुहाने पर आ गया है। जबकि पहले से ही ज्ञानी दास टोला के महादलित एवं बिन्दटोली का अस्तित्व गंगा में समा चुका है। ज्ञानी दास टोला के दर्जनों ग्रामीणों ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक लगभग 400 घर गंगा की कोख में समा चुके हैं। कटाव का यह तांडव देख तटवर्ती ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। आस पास के लोग बड़ी संख्या में अपने घर के सामान
हटाने में जुट गए हैं। दर्जनों लोग अपनी झोपड़ी को तोड़कर पलायन कर रहे हैं।
15 करोड़ की लागत से किया गया है कटाव निरोधी कार्य ………
बताते चलें कि रंगरा प्रखंड के ज्ञानी दास टोला में जल संसाधन विभाग के द्वारा कटाव निरोधी कार्य 15 करोड़ की लागत से किया गया है। बोल्डर पिचिंग का काम 600 मीटर के दायरे में किया गया था। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से कई जगहों पर मिट्टी धंसान के साथ कटाव जारी है। ज्ञानी दास टोला के समीप पक्की सड़क के किनारे पत्थर के सलोप के साथ-साथ जमीन काटने लगा। कटाव की जानकारी तत्काल ग्रामीणों के द्वारा जल संसाधन विभाग के अभियंता को दिया। जिसके बाद देर शाम तक कटाव की जानकारी मिलते ही कटाव स्थल पर विभाग के अभियंता ने पहुंचकर कटाव निरोधी कार्य शुरू कर दिया है।