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एमओयू से रिसर्च और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा : कुलपति प्रो. जवाहर लाल।

भागलपुर। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेघालय और तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के बीच उच्च शिक्षा की बेहतरी और गुणवत्तापूर्ण रिसर्च व नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार को मेघालय स्थित यूएसटीएम में टीएमबीयू के साथ अकादमिक सहयोग के लिए करार हुआ।
इस दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (यूएसटीएम) के कुलपति प्रो. जीडी शर्मा और टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने समझौते पत्र (एमओयू) पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए।


टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने बताया कि पारस्परिक लाभ के लिए उत्कृष्टता और ज्ञान का प्रसार करने के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेघालय (यूएसटीएम) और तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) ने उच्च शैक्षणिक सहयोग, रिसर्च और इनोवेशन के आदान- प्रदान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इससे टीएमबीयू मेघालय के यूएसटीएम जैसे उच्च मानक वाले नैक से ए-ग्रेड विश्वविद्यालय के साथ अकादमिक सहयोग को साझा करेगा। इस एमओयू से गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को काफी बढ़ावा मिलेगा। नए-नए आइडियाज आएंगे।


एमओयू से संसाधनों की उपलब्धता के अधीन प्रत्येक संस्थान में आवेदन करना, संकाय सदस्यों और अनुसंधान कर्मियों के आदान- प्रदान सहित संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों का शुभारंभ, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विभिन्न रूपों में सहयोग, मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों व कार्यक्रमों की शुरूआत और कौशल वृद्धि की दिशा में निर्देशित पाठ्यक्रमों को जोड़ना प्रमुख रूप से शामिल है।
फील्ड ट्रिप एवं विजिट के माध्यम से छात्रों के लिए पर्याप्त सुविधा प्रदान करना, अकादमिक और अन्य प्रकाशनों का आदान- प्रदान और संयुक्त सम्मेलनों, सेमिनारों और शैक्षणिक बैठकों का आयोजन करना इस एमओयू का उद्देश्य है।
साथ ही संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित करना भी इसमें शामिल है। वीसी प्रो लाल ने कहा कि दोनों संस्थानों की ओर से साझा रिसर्च कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।


इस तरह की संयुक्त गतिविधियों और विनिमय कार्यक्रमों के लिए शर्तों और आवश्यक संसाधनों पर विशेष गतिविधि या कार्यक्रम की शुरुआत से पहले दोनों संस्थानों द्वारा लिखित रूप में चर्चा की जाएगी और पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की जाएगी।
समझौता उस दिन से प्रभावी होगा जिस दिन इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं। किसी भी परिवर्तन के लिए दोनों पक्षों द्वारा लिखित रूप में सहमति होनी चाहिए, इस समझौते को समाप्त या संशोधित करने के इच्छुक किसी भी पक्ष से न्यूनतम छह महीने की नोटिस की आवश्यकता होगी। समाप्ति की स्थिति में संबंधित पक्ष कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों के लिए सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेंगे।


वीसी प्रो. लाल ने बताया कि दोनों संस्थानों के बीच हुए एमओयू से स्किल बेस्ड रोजग पाठ्यक्रमों के संचालन में बल मिलेगा। यह समझौता उच्च शिक्षा और शोध कार्यों के बेहतरी में मील का पत्थर साबित होगा। इससे टीएमबीयू की साख और प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। यहां के शिक्षकों को रिसर्च के क्षेत्र में एक ठोस प्लेटफार्म मिल सकेगा। वीसी ने कहा कि टीएमबीयू शोध के क्षेत्रों में बेहतर काम करेगा। टीएमबीयू मुख्य रूप से अपने गुणवत्तापूर्ण व उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिये ही जाना जाता है। रिसर्च करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुलपति प्रो. जवाहर लाल का मुख्य ध्येय टीएमबीयू की साख को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फलक पर ले जाना है। इसके लिए कुलपति कृतसंकल्पित हैं।

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