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उड़ीसा के बालासोर रेल हादसे में खरीक के राघोपुर निवासी मो. कारे उर्फ्र सकुर का 22 वर्षीय पुत्र मो. गफार की भी मौत हो गयी जिसका शव देर रात उनके पैतृक गाँव राघोपुर पहुँचा.राघोपुर शव पहुँचते ही परिजनों के चित्कार से गांव में कोहराम मच गया.वहीं, मंगलवार की सुबह उनका राघोपुर कब्रिस्तान में जनाजे की नवाज के बाद अंतिम संस्कार कर दफना दिया गया.शव यात्रा में इलाके के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.सरपंच प्रमोद मंडल ने बताया कि गफार दो भाई और तीन बहनों में सबसे बड़ा भाई था.

वह पटना में मुर्गा का व्यवसाय करता था. पारिवारिक जिम्मेदारियां बड़ा होने के कारण वह पहली बार कमाने के लिए केरल जा रहा था. जिसके दौरान रास्ते में ही वह भीषण रेल हादसा का शिकार हो गया.इधर, मृतक की माँ जहाना खातुन का रो-रोकर बुरा हाल है. वह बेटे की घटना से काफी सदमे में है और उनकी तबियत बिगड़ गयी है.मृतक की माँ का इलाज चल रहा है. उड़ीसा के बालासोर रेल हादसे के बाद अब लोग कहने लगे हैं कि रेल से यात्रा करना अब सुरक्षित नहीं रह गया है.

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