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हर साल सैकड़ों विद्यार्थी मैट्रिक और इंटर परीक्षा बिना पढ़े कर रहे हैं पास


खरीक प्रतिनिधि सरकार द्वारा सभी पंचायतों में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर एक हाईस्कूल और प्लस टू स्कूल बनाए जाने से ऐसे उत्क्रमित हाई स्कूलों में शिक्षण की गुणवत्ता हाशिए पर आ गयी है. खरीक प्रखंड के ग्राम पंचायतों के अधिकांश उत्क्रमित हाई स्कूलों और प्लस 2 स्कूलों में बीते कई सालों से बिना शिक्षक के पठन-पाठन के बगैर बच्चे स्कूल से पास आउट हो रहे हैं. ऐसे ही स्कूलों में नवमी, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है फिर भी लगातार बच्चे पास कर रहे हैं. बगैर शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई करवाने की सरकार की दोरंगी नीति से स्कूली बच्चे हैरान और परेशान है.कुछ उत्क्रमित हाई स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए प्राथमिक और मध्य विद्यालय के टेट उत्तीर्ण स्नातक शिक्षकों को लगा दिया गया है. ऐसे शिक्षक भी हाईस्कूल और प्लस 2 स्कूलों में गिने-चुने रह गए हैं. बिना पढ़ाई लिखाई के बच्चे हाई स्कूलों और प्लस 2 स्कूलों से पास आउट हो रहे हैं. सरकार की इस नीति से बच्चे मायूस और स्तब्ध है. छात्रों का कहना है कि हम स्कूल जरूर आते हैं लेकिन इस स्कूल में शिक्षक ही नहीं है तो पढ़ाई कैसे होगी.


कोसी पार उत्क्रमित हाई स्कूल और उत्क्रमित प्लस टू स्कूल लोकमानपुर में छात्रों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है.ग्रामीण चंदा कर कुछ उत्साहित नव युवकों से बच्चों की पढ़ाई पूरी करवा रहे हैं.लोकमानपुर हाई स्कूल और प्लस टू स्कूल प्रबंध समिति के सदस्य सुबोध यादव मो.मेराज ने बताया कि मध्य विद्यालय लोकमानपुर को उत्क्रमित हाई स्कूल और टेन प्लस टू स्कूल में तब्दील कर दिया गया. स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बीते 4 साल में एक भी शिक्षक की नियुक्ति अब तक नहीं की गयी हैं जिससे छात्र छात्राओं का शैक्षणिक जीवन अंधकार में बीत रहा हैं.कमोबेश यही हालत प्रखंड के सभी पंचायतों के उत्क्रमित हाई स्कूलों और प्लस 2 स्कूलों की है. इस बार हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में नियुक्त अधिकांश शिक्षकों ने जिला और प्रखंड मुख्यालय में स्थित मूल उच्च विद्यालयों और प्लस 2 मनचाहे स्कूलों में योगदान दिया लेकिन उत्क्रमित हाईस्कूल और उत्क्रमित प्लस 2 स्कूलों में एक भी शिक्षक ने योगदान नहीं किया. यही वजह रही कि सभी विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त ही रह गए.

स्थिति और विडंबनात्मक हो गयी है जब मूल हाई टेन प्लस टू स्कूल खरीक,तुलसीपुर,मुख्यालय में अवस्थित स्कूलों में दर्जनों शिक्षक पदस्थापित है लेकिन उत्क्रमित हाई स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. बिहपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक इंजीनियर कुमार शैलेंद्र के पैतृक गांव तेलघी में उत्क्रमित हाई स्कूल तेलघी में उत्क्रमण के 5 साल बीत गए लेकिन एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गयी है. अब तक बिना शिक्षक बिना पढ़े लिखे बच्चे पास करते चले आ रहे हैं. यह सिलसिला ऐसे विद्यालयों में लगातार जारी है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय उस्मानपुर और उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरीक बाजार में विषय वार शिक्षक नहीं रहने से हाई स्कूल के छात्र छात्राओं की पढ़ाई चौपट हो गयी है.

छात्र और छात्राओं का कहना है कि जब स्कूल में शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो हम लोगों की पढ़ाई कैसे होगी.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नितिश्वर पांडे ने कहा कि माध्यमिक शिक्षक नियोजन के तहत खरीक में 15 शिक्षकों ने च्वाइस योगदान किया. कई विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं है. ऐसी स्थिति में उस विद्यालय में या बगल की दूसरी विद्यालयों में उच्च योग्यताधारी ऐसे शिक्षक जो छात्रों को पढ़ाने में रुचि लें उस शिक्षक का नाम प्रधानाध्यापक भेजें. ऐसे शिक्षकों को उक्त विद्यालयों में प्रतिनियुक्त करने का काम करेंगे ताकि शैक्षणिक व्यवस्था को चालू किया जा सके.

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