भागलपुर : उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में सामान्य प्रशासन विभाग के महाप्रबंधक मुकेश कुमार गोसाई और मुख्य प्रबंधक प्रसून वर्मा द्वारा निविदा में दिए गए तकनीकी मानकों में फेरबदल कर जनता के गाढ़ी कमाई को लूटने का काम किया गया है।
यह गबन तब उजागर हुआ जब पता चला कि एक ही ठेकेदार को सर्वाधिक काम दिया गया और निविदा के मानकों का पालन नहीं किया गया। C.V.C. के दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलकर निविदा के मानकों को कम किया और यह बताते हुए कि निविदा में उल्लेखित वस्तु बाजार में उपलब्ध नहीं है, ठेके दिए। पहले भी इन्हीं ठेकेदारों द्वारा दिए गए मानकों पर काम किया गया था।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों, ठेकेदारों और वास्तुकारों ने मिलकर निविदा में दिए गए मानकों का पालन नहीं किया और गलत मानकों पर काम कराते हुए भारी लूट की। सही मानकों पर काम करने से अधिकारियों और ठेकेदारों को कम लाभ मिलता, इसीलिए मानकों को बदला गया।
इस भ्रष्टाचार का खुलासा भागलपुर युवा जनता दल यू के महासचिव अभिषेक कात्यायन ने आरटीआई के तहत किया। उनके अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग दो से ढाई करोड़ रुपये का गबन हुआ है।
प्रधान कार्यालय द्वारा शाखाओं के संचालन हेतु कई तरह के सामानों की खरीद की गई है। अगर सौंदर्यीकरण के काम में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, तो अन्य कामों में भी भ्रष्टाचार होने की संभावना है। इन सभी बातों से उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के वर्तमान अध्यक्ष भली भांति अवगत हैं, फिर भी उनकी चुप्पी संदेहास्पद प्रतीत हो रही है।