कहलगांव (भागलपुर)।
प्रदीप विद्रोही
गंगा मुक्ति आंदोलन और बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ के बैनर तले मछुआरों ने अनुमंडल कार्यालय परिसर में सोमवार को वन विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
मालूम हो कि वन विभाग की टीम ने वन प्रमंडलीय पदाधिकारी भागलपुर श्वेता सिंह के नेतृत्व में बीते शनिवार को कहलगांव के गंगा नदी में डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र से मछुआरों के प्रतिबंधित जाल को जब्त किया था। जाल जब्त किए जाने का मछुआरों ने जमकर विरोध किया था। पश्चात कहलगांव थाने की पुलिस टीम को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करनी पड़ी थी।
गंगा मुक्ति आंदोलन और बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ के बैनर तले मछुआरों ने अनुमंडल कार्यालय परिसर में वन विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि गंगा नदी में सुल्तानगंज से पीरपैंती तक बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के द्वारा 1991 में पारंपरिक मछुआरों के लिए शिकार माही निशुल्क घोषित किया गया है। एक सुनियोजित साजिश के तहत इसके पूर्व ही वन एवं पर्यावरण विभाग पटना द्वारा 1990 में सुल्तानगंज से कहलगांव तक विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित कर दिया गया। सरकार द्वारा किसी भी आदेश में निशुल्क शिकार माही के अधिकार को निरस्त नहीं किया गया है।
लेकिन वन विभाग के द्वारा गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य घोषित क्षेत्र में मछली पकड़ने से मछुआरों को रोका जा रहा है। वन विभाग की टीम मछुआरों को प्रताड़ित कर रही है।
इधर एसडीओ को दिए चार सूत्री ज्ञापन में मछुआरों को मछली पकड़ने से रोकने और प्रताड़ित करने का मुकदमा वन विभाग के अधिकारी और कर्ममचारियों पर चलाए जाने की मांग, परंपरागत मछुआरों को वन प्रशासन के मछली शिकार माही रोक लगाने के कारण आर्थिक क्षतिपूर्ति देने की मांग, मछुआरों के वन विभाग के द्वारा जप्त जाल को वापस करने और वन विभाग के द्वारा मछुआरों पर मुकदमा नहीं हो इसकी गारंटी देने की मांग, निशुल्क शिकार माही के लिए परिचय पत्र, मछुआरों को वन विभाग एवं अपराधी से सुरक्षा की मांग का को लेकर ज्ञापन सौंपागया। धरना प्रदर्शन में वार्ड पार्षद योगेंद्र सहनी, सूरज सहनी, सुनील सहनी, अर्जुन सहनी, रेखा देवी,रूपाली देवी, पुतुल देवी, रतिया देवी, उषा देवी, भाकपा माले नेता महेश यादव, रणधीर यादव सहित बड़ी संख्या में मछुआरे व आमजन शामिल थे।